इटली के एक पत्रकार ने भारतीय वायु सेना की बालाकोट एयरस्ट्राइक में 170 लोगों के मारे जाने का दावा किया है. फ्रेंसेसा मैरिनो ने STRINGERASIA.IT में इस घटना का पूरा विवरण छापा है. मैरिनो के मुताबिक एयरस्ट्राइक में 130-170 आतंकियों के मारे जाने का अनुमान है, जिनमें वे भी शामिल हैं जो इलाज के दौरान हलकान हो गए. मृतकों में 11 ट्रेनर हैं जो बम बनाने या हथियार चलाने की ट्रेनिंग दे रहे थे.
गौरतलब है कि विदेशी मीडिया में इस हमले को लेकर कई सवाल उठाए गए. यहां तक कि पाकिस्तान ने भी इससे पल्ला झाड़ा. ऐसे में इटली से आई ये रिपोर्ट पाकिस्तान के खिलाफ भारत की बड़ी कार्रवाई को अंजाम देने पर मुहर लगाती है. पुलवामा हमले के बाद भारत ने जब जवाबी कार्रवाई का फैसला किया तब से बालाकोट भारतीय खुफिया एजेंसियों के निशाने पर था, जो जेईएम का ठिकाना है. बालाकोट नियंत्रण रेखा से काफी दूर है, जो आतंकियों के प्रशिक्षण के लिए एक सुरक्षित जगह है और तो और नियंत्रण रेखा पर स्थित भारतीय चौकियों पर कार्रवाई करने वाले पाकिस्तानी सेना की बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) को भी बालाकोट में प्रशिक्षण दिया जाता है. लिहाजा इस हमले में पाकिस्तान को बड़ी क्षति होने की आशंका जताई जा रही है.
मैरिनो ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, ‘जैश ए मोहम्मद के कैंप तक पहुंचने के लिए पहाड़ी की चढ़ाई करनी होती है. जहां से इसका रास्ता शुरू होता है, ठीक उसी मुहाने पर ब्लू पाइन होटल है. पहाड़ी पर पहुंचने के बाद एक साइन बोर्ड दिखता है जिस पर तालीम-उल-कुरान लिखा है. यह बोर्ड पहले वाले उस बोर्ड की तरह नहीं है जिस पर जैश ए मोहम्मद और मसूद अजहर का नाम लिखा था. अजहर के अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित होने के बाद बोर्ड से उसका नाम हटा दिया गया है. जैश के इस आतंकी कैंप का पूरा नियंत्रण पाकिस्तान आर्मी के हाथों में है. इसकी कमान मुजाहिद बटालियन के कैप्टेन रैंक का एक अधिकारी संभालता है. कैंप तक जाने के लिए धूल भरी सड़क पर लोगों का आना-जाना प्रतिबंधित है. हालत यह है कि स्थानीय पुलिस भी यहां तक नहीं पहुंच सकती.’
इटैलियन पत्रकार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि ‘फिलहाल कैंप में कुछ बच्चे और 3-4 मौलवी ही दिख रहे हैं क्योंकि इसे पूरी तरह खाली करा दिया गया है ताकि जैश की किसी भी गतिविधि का निशान न मिल सके. जैश के कैंप के ठीक बगल में बिसियन टाउनशिप है जहां के लोग अभी भी चर्चा करते पाए जाते हैं कि हमले के अगले दिन कई गाड़ियों में मलबा भर कर कुन्हार नदी में गिराते देखा गया. इन इलाकों में यह भी चर्चा है कि जैश ने अपने लोगों को भरोसा दिलाया है कि वक्त मिलते ही भारतीय वायु सेना की सर्जिकल स्ट्राइक का बदला लिया जाएगा.’
इटैलियन पत्रकार का यह खुलासा सोशल मीडिया पर सुर्खियों में छा गया है क्योंकि कई विदेशी रिपोर्ट में सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाए गए हैं. पाकिस्तान ने भी ऐसी किसी घटना से इनकार किया है. समाचार एजेंसी रॉयटर की रिपोर्ट में यह बात कही गई कि बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के मदरसे को उड़ाने के बाद हाई रिजोल्यूशन उपग्रहों की तस्वीरों में इसकी इमारत बिना किसी नुकसान के वहीं खड़ी दिख रही है. रायटर की रिपोर्ट के अनुसार, “इमारतों की छतों पर कोई छेद नहीं दिख रहा, जलने, दीवारों के जलने, मदरसा के आसपास पेड़ों के उखड़ने या हवाई हमले का कोई निशान नहीं दिख रहा. इन तस्वीरों से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की ओर से पिछले आठ दिनों से दिए जा रहे उन बयानों पर शंका पैदा कर रहा जिनमें कहा जा रहा था कि 26 फरवरी को तड़के पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में बालाकोट नगर और जाबा गांव के निकट मदरसे पर हमला किया गया था.”