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नरेला में चल रहे डीडीए फ्लैटों के निर्माण कार्य के दौरान सोमवार शाम को टॉवर क्रेन में लगी लिफ्ट (हाइड्रोलिक) गिरने से एक इंजीनियर और तीन मजदूरों की मौत हो गई। घटना के समय इंजीनियर मजदूरों के साथ काम का निरीक्षण कर रहा था। तकनीकी खराबी के कारण लिफ्ट 35 फीट की ऊंचाई से गिर गई।
पुलिस के अनुसार, मरने वाले मजदूरों की पहचान 27 वर्षीय सोनू निवासी बलिया (उत्तर प्रदेश), 25 वर्षीय सोनू निवासी जौनपुर (उप्र), और 25 वर्षीय उमेश निवासी बोकारो (झारखंड) के रूप में हुई, जबकि इंजीनियर की पहचान 30 वर्षीय प्रमोद के रूप में हुई है।
पुलिस के मुताबिक, शाम करीब साढ़े चार बजे प्रमोद अपने साथ तीन मजदूरों को लिफ्ट में लेकर 35 फीट की ऊंचाई पर काम का निरीक्षण कर रहा था। अचानक लिफ्ट का तार टूट गया और सीधे नीचे गिर गई।
प्राइवेट कंपनी की मदद से तैयार हो रहे फ्लैट
हादसे में चारों गंभीर रूप से घायल हो गए। वहां काम कर रहे कर्मचारियों ने तुरंत घायलों को राजा हरीशचंद्र अस्पताल पहुंचाया, जहां सभी को मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने मरने वालों के परिजनों को घटना की जानकारी दे दी है। नरेला थाना पुलिस ने लापरवाही का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
नरेला में डीडीए के करीब 1200 से ज्यादा फ्लैट बने हैं, जिन्हें साल 2017 की आवासीय योजना के तहत आवंटित किया जाना था, लेकिन ड्रॉ के बाद लोगों ने नरेला में सुविधाएं न होने का हवाला देते हुए इन फ्लैटों को सरेंडर कर दिया था। अब डीडीए निजी कंपनी ‘बी जी सिरका’ की मदद से यहां आवासीय योजना के तहत फ्लैटों का निर्माण कार्य करवा रहा है।