नई दिल्ली
बसई दारापुर हत्याकांड का मुख्य आरोपी शमशेर आलम मर्डर कर भागने के बाद सबसे पहले मस्जिद में शरण लेने पहुंचा था और फिर वहां से थाने गया। इलाके के लोगों ने बताया कि मस्जिद में जाकर उसने मदद मांगी थी लेकिन वहां उससे कहा गया कि थाने में सरेंडर कर दो। तब पुलिस को पता लगा कि आरोपी कत्ल करके वहां आया है। कहा जाता है कि आरोपी नशे में थे। मामले में स्थानीय लोग एकजुट होकर गुरुवार को पंचायत करने की बात कह रहे हैं। इस तरह का फैसला लेने की बात बताई जा रही है कि गांव में मुस्लिम परिवारों को कोई भी किराए पर घर नहीं देगा। हालांकि, पीड़ित परिवार की ओर से कहा गया है कि वह इलाके में शांति ही चाहते हैं।
मुंह पर पत्थरों से किए थे वार
बताया जाता है कि बिजनसमैन को चाकू से गोदने के बाद आरोपियों ने हाथ-पैरों और मुंह पर भी पत्थरों से वार किए थे। इस तरह चेहरे को कुचल दिया था कि मानो हत्यारों की पुरानी रंजिश रही हो। बिजनेसमैन के हाथ-पैरों के नाखून उखड़ गए थे। उनके दांत भी टूट गए थे।
पिछले साल हुई थी कहासुनी
बताया जाता है कि पिछले साल आरोपी परिवार से कुछ कहासुनी हुई थी। यह किस बात पर और यह क्या थी, इस बारे में पुलिस कुछ भी बताने से इनकार कर रही है। पुलिस का कहना है कि 4 लोगों को पहले ही पकड़ लिया गया था। अब 2 महिलाओं को और हिरासत में लिया गया है। इनमें एक शमशेर आलम की मां और दूसरी बहन है। इन पर चाकू लाने और हत्या में साथ देने का आरोप है। मृतक बिजनसमैन की बेटी से अभी और बात की जानी है। उन्हें माइग्रेन होने और पिता की हत्या होने से अभी पुलिस बहुत अधिक बात उनसे नहीं कर रही है। जैसे ही मृतक की बेटी से बात करके यह स्पष्ट हो जाएगा कि इन दोनों का भी हत्या में पूरा हाथ था। दोनों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।