नई दिल्ली :
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मांग की है कि आम आदमी पार्टी सरकार अगले 6 महीने तक दिल्ली के बिजली उपभोक्ताओं से बिजली बिल ना वसूले. शीला दीक्षित का कहना है कि राज्य सरकार ने गैरकानूनी रूप से दिल्ली के लोगों से पेंशन फंड के नाम पर 7401 करोड़ वसूले हैं और बिजली वितरण कंपनियों को फायदा पहुंचाया है. लोकसभा चुनाव 2019 में हारने के बाद दिल्ली कांग्रेस पहली बार एक्शन में नजर आई और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से शीला दीक्षित के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल उनके निवास पर मिलने गया.
केजरीवाल से मिलने के बाद दिल्ली कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हारून यूसुफ ने कहा, ‘हमने मुख्यमंत्री को कहा है कि जिस तरह से फिक्स चार्ज बढ़ाए गए और उनके मंत्री कहते हैं कि यह फिक्स चार्ज हम लोग वापस इसलिए नहीं ले पा रहे थे क्योंकि चुनाव आचार संहिता लगी हुई थी. मेरा आम आदमी पार्टी सरकार से यह सवाल है कि अगर आचार संहिता लगी हुई थी तो वह तो अभी कुछ समय की ही थी जबकि फिक्स चार्ज तो बीते 1 साल से वसूल किया जा रहा है.’ हारून यूसुफ के मुताबिक अगर सरकार उनकी बात नहीं मानेगी तो कांग्रेस सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेगी.
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जबकि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार का दावा है कि दिल्ली में कांग्रेस सरकार के मुकाबले पहले ही सस्ती बिजली दी जा रही है. दिल्ली की ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने दावा किया कि आज अगर कांग्रेस के शासनकाल में जिस तरह से बिजली के दाम बढ़ रहे थे वैसे ही बढ़ते रहते तो बिजली 5 गुना तक महंगी होती. सत्येंद्र जैन के मुताबिक ‘एक उदाहरण के तौर पर समझें कि 2010 में जब शीला दीक्षित की सरकार थी तब 1 KW लोड के साथ 50 यूनिट का बिल 153 रुपये था, जो 2013 में बढ़कर 264 रुपये हो गया जबकि आज 2019 में ये घटकर 128 रुपये हो गया. इसी तरह से 2010 में 2 KW लोड के साथ 400 यूनिट बिजली का बिल 1368 रुपए था, 2013 में यह बढ़कर 2243 हुआ और आज 2019 में ये 1320 रुपये पर आ गया है.’ सत्येंद्र जैन के मुताबिक दिल्ली में इस समय 91% उपभोक्ता ऐसे हैं जिनका हर महीने बिल 400 यूनिट से कम ही होता है.
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बिजली बिल वो मुद्दा है जिसपर अरविंद केजरीवाल ने 2012 में अपनी राजनीति की शुरुआत की थी. गौरतलब है कि 2013 में जब बिजली बिल के मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल ने अनशन किया था तब आम आदमी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के लोगों से एक फॉर्म भरवाया जिसमें यह कहा गया था की बढे हुए बिजली बिल गलत हैं या तो दिल्ली सरकार बिजली सस्ती करे वरना वो बिजली का बिल नहीं चुकाएंगे. आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया जब ऐसे लाखों फॉर्म भरवा कर तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के घर पहुंचे थे तो शीला दीक्षित उनसे नहीं मिली थीं. मनीष सिसौदिया के मुताबिक उनको बताया गया कि मुख्यमंत्री शीला दीक्षित सो रही हैं. जबकि आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हैं और पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित उनसे बिजली बिल घटाने की मांग कर रही हैं.