Saturday , July 27 2024
ताज़ा खबर
होम / देश / पेट्रोल पंपों पर चोरी हो रही है डेबिट कार्ड्स की डीटेल

पेट्रोल पंपों पर चोरी हो रही है डेबिट कार्ड्स की डीटेल

मुंबई
एटीएम सेंटरों से डेबिट और क्रेडिट कार्ड्स क्लोन के मामले जब-तब पुलिस के पास पहुंचते रहे हैं, पर अब पेट्रोल पंपों पर भी ग्राहकों के कार्ड्स की डीटेल चोरी होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मुंबई क्राइम ब्रांच के प्रॉपर्टी सेल ने दो दिन पहले इस केस में देश के अलग-अलग शहरों से छह आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनमें से कोलावोले हकीम उर्फ आदीगुन नामक एक नाइजीरियन भी है।

सीनियर इंस्पेक्टर सुनील बाजारे और लक्ष्मीकांत सालुंके की टीम ने इन आरोपियों के पास से 10 मोबाइल, 97 डेबिट और क्रेडिट कार्ड, एक स्कीमर मशीन, एक मिनी डेटा कलेक्टर मशीन के अलावा चार लैपटॉप्स भी जब्त किए हैं। इन लैपटॉप्स में हजार से ज्यादा डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड की डीटेल के साथ उनके पिन नंबर भी लिखे हुए थे। ये पिन नंबर और कार्ड्स की अन्य जानकारी उन्हें महाराष्ट्र के कुछ अलग-अलग पेट्रोल पंपों के कुछ कर्मचारियों से मिली थी।

क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी के अनुसार, पेट्रोल या डीजल भरवाने के बाद कई लोग कार्ड्स से पेमेंट करते हैं। अक्सर कार मालिक कार में बैठे-बैठे अपना डेबिट या क्रेडिट कार्ड पेट्रोल/ डीजल भरने वाले को दे देता है। ठगी के इस रैकेट से जुड़े पेट्रोल पंप कर्मचारी के पास दो स्वाइप मशीनें होती हैं। एक मशीन किसी बैंक की होती है, जबकि दूसरी बहुत छोटी मशीन होती है। इसी छोटी मशीन में पेट्रोल पंप कर्मचारी थोड़ा पीछे जाकर कार्ड क्लोन कर लेता है। फिर वह मूल मशीन में दोबारा कार्ड स्वाइप करता है और फिर कार मालिक के पास स्वाइप मशीन लेकर उससे पिन नंबर टाइप करने को कहता है।

ऐसे होती है पिन नंबर की चोरी 
जिस वक्त गाड़ी मालिक द्वारा अपने कार्ड का पिन नंबर टाइप किया जाता है, पेट्रोल पंप पर इस रैकेट से जुड़े लोग संबंधित गाड़ी के ठीक पीछे किसी न किसी बहाने घूमते रहते हैं। वे लोग कार्ड का पिन नंबर देख लेते हैं और फिर उसे किसी को वॉट्सऐप या एसएमएस करने के बहाने अपने मोबाइल पर टाइप कर लेते हैं। इस बीच क्लोन मशीन से भी संबंधित ग्राहक के मूल कार्ड का डेटा एक खास साफ्टवेयर से ड्यूप्लिकेट कार्ड्स में ट्रांसफर कर दिया जाता है। पिन नंबर और ड्यूप्लिकेट कार्ड्स को आदीगुन नामक नाइजीरियन अपने रैकेट से जुड़े लोगों को दे देता है। इन कार्ड्स से कभी किसी एटीएम सेंटर से रकम निकाली जाती है, तो कभी किसी दुकानदार को 40 प्रतिशत तक मोटा कमिशन देकर उसकी स्वाइप मशीन से ट्रांजैक्शन होता है। क्राइम ब्रांच ने चिपलून के एक ऐसे ही दुकानदार कस्तूराराम सोलंकी को भी गिरफ्तार किया है, जिसने नागपाड़ा के एक युवक के कार्ड से वहां खरीदारी दिखाई थी। क्राइम ब्रांच इस केस में कई पेट्रोल पंप कर्मचारियों से पूछताछ करने वाली है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Enable Google Transliteration.(To type in English, press Ctrl+g)