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कोरोना: भीलवाड़ा का सब कुछ दांव पर, क्या कर रही है सरकार?

राजस्थान में अब तक कोरोना वायरस के 45 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें 21 कोरोना पॉज़िटिव मामले अकेले भीलवाड़ा ज़िले से हैं.

राज्य में कोरोना संक्रमण से पहली मौत भी गुरुवार को भीलवाड़ा में ही हुई थी. इसके बाद गुरुवार रात ही एक अन्य शख़्स की मौत भी कोरोना संक्रमण की वजह हो गई.

स्वास्थ्य विभाग ने भीलवाड़ा की संवेदनशीलता को देखते हुए 332 मेडिकल टीमों से शहर के एक लाख घरों के पांच लाख सदस्यों और 1948 टीमों के ज़रिए 19 लाख ग्रामीण लोगों का सर्वे कराया है.

राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने वीडियो जारी कर कहा है कि पिछले तीन-चार दिनों में कोरोना पॉज़िटिव मामले कुछ बढ़े हैं. भीलवाड़ा के करीब 28 लाख लोगों में से 24 लाख लोगों की स्क्रीनिंग करवा दी गई है.

उन्होंने कहा, “भीलवाड़ा से लिए सैंपल की जांच की जा रही है. अगले दो दिन में 700 सैंपलों की जांच और हो जाएगी. ग्रामीण इलाकों के बचे चार लाख लोगों की स्क्रीनिंग अगले दो दिनों में पूरी कर ली जाएगी.”

भीलवाड़ा, जयपुर, झुंझुनूं और जोधपुर से गुरुवार को भी नए मामले सामने आए हैं. प्रदेश में कोरोना पॉज़िटिव मामलों की कुल संख्या अब 45 हो गई है.

अकेले भीलवाड़ा में ही 21 पॉज़िटिव मामले मिलने से सरकार की चिंताएं बढ़ गई हैं. गुरुवार को राजस्थान से पांच मामले सामने आए, जिनमें दो भीलवाड़ा से हैं.

राजस्थान का इटली बना भीलवाड़ा
भीलवाड़ा इस समय ‘राजस्थान का इटली’ बना हुआ है. यहां सर्वाधिक मामले हैं और इनकी संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इसके बावजूद दो दिन से राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा और भीलवाड़ा विधायक विट्ठल शंकर अवस्थी के बीच स्थानीय हालात पर बात तक नहीं हुई है.

विट्ठल शंकर अवस्थी का कहना है कि चिकित्सा मंत्री से उनकी दो दिन पहले बात हुई थी, उसके बाद बात नहीं हुई. हालांकि उन्होंने ये भी कहा वो स्थानीय प्रशासन से लगातार संपर्क में हैं.

भीलवाड़ा के आरके कॉलोनी निवासी लोकेश ने बताया कि मेडिकल टीम सर्वे करने के लिए दो दिन पहले उनके घर आई थी. टीम ने परिवार के सदस्यों के बारे में. किसी के बीमार होने, विदेश यात्रा, या बांगड़ अस्पताल में इलाज कराने समेत कई जानकारियां लीं.

भीलवाड़ा कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने बीबीसी को बताया कि अब तक एक लाख सात हज़ार घरों में मेडिकल टीम ने 5 लाख 33 हजार व्यक्तियों का सर्वे किया है और ग्रामीण इलाकों में गुरुवार तक 19 लाख लोगों का सर्वे पूरा हो जाएगा. ज़िले की 28 लाख 50 हज़ार आबादी का सर्वे किया जाना है.

सर्वे पूरा होने के बाद फिर से सर्वे कराया जाएगा जो कोरोना चेन ब्रेक होने तक लगातार जारी रहेगा. भट्ट ने कहा कि सर्वे में सामने आ रहे कोरोना लक्षण या संदिग्ध व्यक्तियों को आइसोलेट करके चिकित्सकीय निगरानी में रखा जा रहा है.घर-घर जाकर सर्वे कर रही हैं टीमें
भीलवाड़ा में लगातार कोरोना के बढ़ते मामलों से चिंतित सरकार ने स्वास्थ्य विभाग की मेडिकल टीमें बनाई हैं. भीलवाड़ा कलेक्टर का कहना है कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है.

यह टीम सीएमएचओ और पीएमओ के बनाए निर्धारित फ़ॉर्मेट के आधार पर ही घरों में पहुंच कर सर्वे कर रही हैं.

टीम लोगों से जानकारी जुटा रही हैं कि घर में कोई विदेश से आया है या नहीं. विदेश से आए लोग किसी से मिले हैं या नहीं. परिवार में किसी को खांसी, ज़ुकाम या बुखार तो नहीं है. परिवार में किसी का इलाज बांगड़ अस्पताल में हुआ है या नहीं. इसके अलावा कोरोना लक्षणों की भी जांच की जा रही है.

बांगड़ अस्पताल की ओपीडी में इलाज कराने गए लोगों की सूची भी टीम के पास है, जिसके आधार पर टीम यह सर्वे कर रही है कि पिछले कुछ दिनों में इन लोगों के स्वास्थ्य संबंधी बदलाव हुए हैं या नहीं.

भीलवाड़ा के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉक्टर मुस्ताक अहमद ने बताया कि यहां कोरोना पॉज़िटिव मामले निजी अस्पताल बांगड़ से ही निकले हैं. जितने भी मामले सामने आए हैं, उन सबके परिजनों का भी इलाज किया जा रहा है.

डॉक्टर अहमद का कहना है कि भीलवाड़ा से मिले पॉज़िटिव मामलों में से चार लोग जयपुर में भर्ती हैं और बाकी सभी का एमजी अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती हैं.

उन्होंने बताया कि भीलवाड़ा में करीब 400 लोगों को क्वरंटीन और आइसोलेशन में रखा गया है.

राजस्थान में कोरोना से पहली मौत, परिवार में दो पॉज़िटिव

भीलवाड़ा में गुरुवार को 73 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो गई. मृतक के बेटे और उनके पोते भी कोरोना पॉज़िटिव हैं.

ज़िले के विधायक विट्ठल शंकर अवस्थी ने बीसीसी को बताया कि गुरुवार को कोरोना संक्रमण और किडनी में तकलीफ़ समेत कई बीमारियों का इलाज करा रहे 73 वर्षीय नारायण सिंह की मौत हो गई है.

वहीं, कलेक्टर राजेंद्र भट्ट का कहना है कि बुजुर्ग किडनी की बीमारियों और ब्रेन स्ट्रोक का इलाज करा रहे थे. वो 4-11 मार्च तक बांगड़ अस्पताल में कोमा कंडीशन में भर्ती थे. बांगड़ अस्पताल के डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें पहले ही घर ले जाया गया था.

भट्ट ने बताया कि डॉक्टर्स ने मरीज़ की मौत के तात्कालिक कारणों में कोमा और किडनी की समस्या समेत कई बीमारियां बताई हैं.

राजस्थान के अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) के मुताबिक, गुरुवार रात भीलवाड़ा में एक अन्य कोरोना वायरस संक्रमित शख़्स की मौत हो गई. 60 वर्षीय एक अन्य व्यक्ति की मौत की वजह भी किडनी और दिल से जुड़ी बीमारी बताई गई है.

इसके पहले 20 मार्च को इटली के एक नागरिक की मौत भी किडनी से जुड़ी बीमारी की वजह से हुई थी. इटली के इस शख़्स की कोरोना वायरस रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी हालांकि इलाज के बाद उन्हें नेगेटिव पाया गया था. इसके बाद इटली के दूतावास से संपर्क कर उन्हें किडनी से जुड़ी बीमारी के इलाज के लिए जयपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

राजस्थान में हुई तीनों मौतों की वजह किडनी और दिल से जुड़ी बीमारी ही बताई जा रही है.

सरकार ने अब तक क्या किया?
सबसे ज़्यादा कोरोना पॉज़िटिव मामलों के साथ ही भीलवाड़ा राजस्थान में कोरोना का केंद्र बिंदु बना हुआ है. यहां 19 मार्च को पहला पॉज़िटिव मामला बांगड़ अस्पताल के डॉक्टर आलोक शर्मा समेत छह लोग एक साथ पॉज़िटिव मिले. जिसके बाद राजस्थान सरकार हरकत में आई.

पहला मामला मिलने के बाद से ही यहां कर्फ़्यू लगाया गया है. ज़िले की सीमाओं को 13 चेक पोस्ट के ज़रिए सील कर दिया गया है. भीलवाड़ा सीमा से सटे राज्य और ज़िलों से भीलवाड़ा में आना व जाना पूरी तरह प्रतिबंधित है.

कोरोना वायरस से बचाव और नियंत्रण के लिए जिले के हॉस्टलों, होटलों और रिजॉर्ट समेत कई इमारतों में सरकार ने लगभग चार हज़ार क्वरंटीन बेड बनाने का काम शुरू कर दिया है. साथ ही निजी अस्पताल और ज़िला अस्पताल में 80 बेड के आइसोलेशन वार्ड स्थापित कर दिए हैं.

ज़िले में 6,445 लोगों को होम क्वरंटीन किया गया है, 381 से ज्यादा सैंपल जांच कराई गई हैं और सर्वे के दौरान मिले 149 लोगों को ‘हाई रिस्क कैटेगरी’ में रखा गया है.

शहर से ग्रामीण इलाकों में जाने पर पाबंदी लगा दी गई है और लगातार सर्वे के ज़रिए स्वास्थ्य विभाग की मेडिकल टीम ज़िले के 28 लाख 50 हज़ार लोगों की स्वास्थ्य जानकारी जुटा रही हैं.

कलेक्टर कार्यालय परिसर में ही ‘वॉर रूम’ और ‘कोरोना कंट्रोल रूम’ बनाया गया है. बांगड़ अस्पताल में 4 से 11 मार्च तक भर्ती रहे सभी मरीज़ों की सूची तैयार कर जांच की जा रही है.

बांगड़ अस्पताल से मिले कोरोना संक्रमित मामलों के बाद यहां एक किलोमीटर क्षेत्र को सील कर दिया है और धारा 144 लागू कर दी है.

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