Sunday , October 13 2024
ताज़ा खबर
होम / देश / केंद्रीय सतर्कता आयोग पहुंचे CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा, आज फिर होगी पूछताछ

केंद्रीय सतर्कता आयोग पहुंचे CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा, आज फिर होगी पूछताछ

नई दिल्ली। 

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) के डायरेक्टर आलोक वर्मा आज फिर केंद्रीय सतर्कता आयोग के ऑफिस पहुंचे, जहां उनसे पूछताछ की जाएगी। बता दें कि आयोग ने गुरुवार को भी आलोक वर्मा से पूछताछ की गई थी।

मुख्य सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) केवी चौधरी के समक्ष गुरुवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) निदेशक आलोक वर्मा पेश हुए थे। सीबीआइ निदेशक वर्मा ने जांच एजेंसी के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के उन पर लगाए रिश्वतखोरी के आरोपों को गलत ठहराते हुए अपना पक्ष रखा। इसके अलावा, सीबीआइ के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना भी सीवीसी प्रमुख से मिले थे।

सीवीसी के अधिकारियों के मुताबिक वर्मा दक्षिण दिल्ली के आइएनए मार्केट में स्थित सीवीसी के मुख्यालय में गुरुवार को दोपहर एक बजे करीब पहुंचे। वहां वह करीब दो घंटे रहे। इस दौरान उन्होंने मुख्य सतर्कता आयुक्त केवी चौधरी और सतर्कता आयुक्त शरद कुमार से मुलाकात की। वर्मा ने अपने खिलाफ भ्रष्टाचार के सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि उनकी कार्रवाई अस्थाना के खिलाफ जांच के भले के लिए थी। बताया जाता है कि वर्मा ने सीवीसी को दिए अपने जवाब में उनके खिलाफ लगाए गए अस्थाना के सभी आरोपों को खारिज किया है। सीवीसी अधिकारियों के मुताबिक अस्थाना भी सीवीसी के समक्ष पेश हो चुके हैं।

कई सीबीआइ अफसरों के हो चुके हैं बयान दर्ज
सीवीसी के सूत्रों के अनुसार बताया जाता है कि केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) हाल ही में सीबीआइ के कुछ अफसरों से पूछताछ कर चुका है, जो वर्मा के खिलाफ अस्थाना की शिकायतों की जांच कर रही टीम का हिस्सा थे। इंस्पैक्टर रैंक से एसपी रैंक तक के सीबीआइ अफसरों के बयान एक वरिष्ठ सीवीसी अफसर के समक्ष दर्ज किए गए हैं। अपने बयान दर्ज कराने वाले सीबीआइ अफसरों में वह भी शामिल हैं, जिन्होंने मोइन कुरैशी रिश्वत मामले, आइआरसीटीसी घोटाले, पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव से जुड़े मामले और मवेशियों की तस्करी के मामले की जांच की है। मवेशी तस्करी के मामले में केरल में एक वरिष्ठ बीएसएफ अफसर नकदी के साथ पकड़ा गया था।

सीवीसी को जल्द देनी है रिपोर्ट
विगत 24 अगस्त को कैबिनेट सचिव को भेजी अपनी शिकायत में सीबीआइ के दूसरे नंबर के अफसर अस्थाना ने आरोप लगाया था कि मोइन कुरैशी के मामले में अभियुक्त सतीश बाबू सना ने आलोक वर्मा को दो करोड़ रुपये की रिश्वत दी है। इसके बाद एक 24 अक्टूबर की मध्य रात्रि को नाटकीय अंदाज में वर्मा को कार्यमुक्त कर दिया गया। इसके बाद 26 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने वर्मा के खिलाफ लगे आरोपों की जांच सीवीसी को पूरा करने का निर्देश दिया। लिहाजा, सीवीसी को जल्द ही अपनी जांच रिपोर्ट सौंपनी है।

सना के बयान पर खड़ा है मामला
केंद्र सरकार के इस फैसले को चुनौती देने वाले वर्मा को कार्यभार से मुक्त करते हुए छुट्टी पर भेज दिया गया। सरकार ने एक पूर्व जज जस्टिस एके पटनायक की कमेटी से इस मामले में जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। देश की प्रमुख जांच एजेंसी में यह गृहयुद्ध तब छिड़ा जब हैदराबाद के कारोबारी सना के बयान पर अस्थाना और सीबीआइ के अन्य अफसरों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई। सीबीआइ ने विगत 15 अक्टूबर को अस्थाना के खिलाफ सना से दो करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाया था। ऐसा मीट निर्यातक मोइन कुरैशी के खिलाफ जांच को प्रभावित करने के लिए दो बिचौलियों मनोज प्रसाद और सोमेश प्रसाद के जरिए किया गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Enable Google Transliteration.(To type in English, press Ctrl+g)