नई दिल्ली:
हनुमान उर्फ बजरंग बली पवित्र धार्मिक हिंदू ग्रंथ ‘रामायण’ के अहम पात्र हैं, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से वह लोकसभा चुनाव और सियासी जंग में भी पात्र बन गए हैं। बीते दिनों उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि जो अली का सहारा लेना चाहते हैं लें हमारे लिए बजरंग बली ही काफी हैं। बजरंगबली पर इस बहस में अब आजम खान भी शामिल हो गए हैं। आजम खान ने रामपुर में योगी आदित्यनाथ के बयान पर पलटवार किया।
आजम खान ने कहा, ‘अली और बजरंग बली में झगड़ा मत करवाओ। मैं इसके लिए एक नाम दिए देता हूं। बजरंग अली से मेरा दीन कमजोर नहीं होता। योगी जी ने कहा कि हनुमान जी दलित थे और फिर उनके किसी साथी ने कहा कि हनुमान जी ठाकुर थे। फिर पता चला कि वह ठाकुर नहीं जाट थे। फिर किसी ने कहा कि वह हिंदुस्तान के नहीं श्रीलंका के थे लेकिन बाद में एक मुसलमान ने कहा कि बजरंगबली मुसलमान थे। झगड़ा ही खत्म हो गया। हम अली और बजरंग एक हैं। बजरंग अली तोड़ दो दुश्मन की नली। बजरंग अली ले लो जालिमों की बलि।’
आजम खान ने योगी आदित्यानाथ के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा और उन पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मिले होने का आरोप लगाया। आजम खान ने कहा, ‘हिंदुस्तान के 130 करोड़ लोगों तुमने पाकिस्ताने के वजीर-ए-आजम का बयान सुना। उसे इस बात का इंतजार है कि मोदी दोबारा वजीर-ए-आजम कब बनेंगे। वो कल भी तुम्हारा दोस्त था और आज भी है।’ गौरतलब है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि भारत में दोबारा बीजेपी की सरकार बनी तो दोनों देशों के संबंध सकारात्मक दिशा में बढ़ेंगे।