नई दिल्ली। भारतीय सेना को मजबूती प्रदान करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए 10 लाख मल्टी-मोड हैंड ग्रेनेड बनाने की जिस योजना को मंजूरी दी गई उस प्रोजेक्ट को मेक इन इंडिया के तहत पूरा किया जाएगा।
हाल ही में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस प्रोजेक्ट पर विचार किया गया था।
इस प्रोजेक्ट के सिरे चढऩे से जहां देश के सुरक्षा बलों को आधुनिक हैंड ग्रेनेड मिलेंगे वहीं साथ में देश में बने हथियारों का इस्तेमाल भी बढ़ेगा। दुनियाभर में भारत हथियारों का बड़ा आयातक देश है लेकिन अब देश में घरेलू स्तर पर हथियारों के उत्पादन को बढ़ावा दिया गया है, जिसका नतीजा है कि देश के सुरक्षाबलों को अब देश में ही बने हथियार मिलने लगे हैं।
हैंडग्रेनेड को लेकर पिछले हफ्ते उच्च स्तरीय बैठक हुई थी जिसमें रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने मेक इन इंडिया के तहत 10 लाख हैंड ग्रेनेड बनवाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी। 500 करोड़ रुपए से अधिक के इस प्रोजेक्ट से पहले भारत अमेरिका से 72,400 असाल्ट राइफलें खरीदने के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर कर चुका है। असाल्ट राइफलों की कीमत करीब 700 करोड़ रुपये है। अनुबंध के मुताबिक आज की तारीख से एक साल के भीतर अमेरिका की सिग सौयर कंपनी 7.62 एमएम की 72,400 राइफलें देगी।