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30% आबादी वाले मराठों को 16% आरक्षण की सिफारिश, आयोग ने सौंपी रिपोर्ट

पिछड़ा वर्ग आयोग ने मराठों को 16 प्रतिशत आरक्षण देने की सिफारिश की है. सूत्रों के अनुसार, आयोग ने इस संबंध में एक बंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्‍य में 30 प्रतिशत आबादी मराठा है. ऐसे में उन्हें सरकारी नौकरी में आरक्षण देने की जरूरत है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार, मराठों को आरक्षण देने को लेकर पिछले काफी समय से मांग की जा रही है. पिछड़ा वर्ग आयोग ने इस मामले में अब सरकार को सील बंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. आयोग ने कहा है कि जिस राज्‍य में 30 प्रतिशत आबादी मराठा हो, वहां पर 16 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना चाहिए.

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इसी के साथ यह भी कहा गया है कि मराठों को आरक्षण देने के दौरान ओबीसी कोटे में कोई परिवर्तन नहीं किया जाए. अगर इस आरक्षण पर मोहर लगती है तो सभी श्रेणियों को मिलाकर राज्‍य में कुल आरक्षण 68 प्रतिशत हो जाएगा. अभी राज्‍य में अलग-अलग वर्ग को मिलाकर 52 प्रतिशत आरक्षण है.

महाराष्‍ट्र सरकार ने जून 2017 में पिछड़ा वर्ग आयोग को मराठा आरक्षण के मुद्दे पर सर्वेक्षण करने को कहा था. पिछले 15 महीनों में आयोग ने महाराष्‍ट्र के कई हिस्‍सों का दौरा किया. इस दौरान आयोग ने दो लाख मराठा समुदाय के सदस्‍यों की शिकायतें सुनीं. इस दौरान आयोग ने 25 हजार परिवारों का सर्वेक्षण किया.

मराठा आंदोलनकारियों के एक हिस्से ने नया राजनैतिक दल बनाया
आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे मराठा आंदोलनकारियों के एक हिस्से ने बीते गुरुवार को राजनैतिक दल बनाने की घोषणा की. यह दल महाराष्ट्र में आगामी लोकसभा चुनाव लड़ेगा. नए दल का नाम ‘महाराष्ट्र क्रांति सेना’ रखा गया है जिसका नेतृत्व सुरेश पाटिल करेंगे. उन्होंने दावा किया कि वह ‘मराठा आरक्षण संघर्ष समिति’ के साथ पिछले 10 वर्षों से काम कर रहे हैं.

सुरेश पाटिल ने कहा कि उन्होंने और उनके समर्थकों ने ऐतिहासिक रायरेश्वर मंदिर में नया राजनैतिक दल बनाने और समुदाय के लिए काम करने का संकल्प लिया है. वहीं पर छत्रपति शिवाजी ने 17 वीं शताब्दी में ‘स्वराज्य’ का गठन करने का संकल्प लिया था. उन्होंने कहा कि सकाल मराठा समाज (एसएमएस) और मराठा क्रांति मोर्चा (एमकेएम) जैसे मराठा संगठन नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण के लिए आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं. नए संगठन ने उसका विरोध किया है.

पाटिल ने कहा, “लेकिन, हम अपने राजनैतिक दल के नाम में ‘मराठा’ शब्द का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि वे (एसएमएस और एमकेएम) हमारे बारे में आशंका त्याग देंगे और पार्टी में शामिल होंगे.” उन्होंने यह भी कहा कि सतारा से राकांपा के सांसद उदयनराजे भोंसले और छत्रपति शिवाजी के वंशज ने महाराष्ट्र क्रांति सेना को समर्थन दिया है. पाटिल ने कहा, “हमें उम्मीद है कि वह हमारे टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे.”

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