Saturday , July 27 2024
ताज़ा खबर
होम / देश / सामान्य वर्ग के गरीबों को 10% आरक्षण देने वाला 124वां संविधान संशोधन बिल राज्यसभा में भी पास

सामान्य वर्ग के गरीबों को 10% आरक्षण देने वाला 124वां संविधान संशोधन बिल राज्यसभा में भी पास

नई दिल्ली। सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शिक्षा एवं रोजगार में 10% आरक्षण देने से जुड़ा 124वां संविधान संशोधन विधेयक बुधवार को राज्यसभा में भी पास हो गया। उच्च सदन में विपक्ष सहित लगभग सभी दलों ने इस विधेयक का समर्थन किया। बिल को लेकर राज्यसभा में हुई वोटिंग के दौरान इसके समर्थन में 165 और खिलाफ में केवल 7 वोट पड़े। इससे पहले बिल को सिलेक्ट कमिटी के पास भेजने के लिए कनिमोझी ने प्रस्ताव रखा था। हालांकि वोटिंग के दौरान इसके पक्ष में 18 और खिलाफ में 155 वोट पड़े। इसके साथ ही बिल को सिलेक्ट कमिटी में भेजने की मांग खारिज हो गई।

आपको बता दें कि 124वें संविधान संशोधन विधेयक को लोकसभा ने एक दिन पहले मंगलवार को ही बहुमत के साथ पारित कर दिया था। सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि इस विधेयक को राज्यों की मंजूरी लेने की कोई जरूरत नहीं है। ऐसे में इस विधेयक को मंजूरी के लिए अब सीधे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। कुछ विपक्षी दलों ने इस विधेयक को लोकसभा चुनाव से पहले लाए जाने को लेकर सरकार की मंशा तथा इस विधेयक की न्यायिक समीक्षा में टिक पाने को लेकर आशंका जताई। हालांकि सरकार ने दावा किया कि कानून बनने के बाद यह न्यायिक समीक्षा की अग्निपरीक्षा में भी खरा उतरेगा क्योंकि इसे संविधान संशोधन के जरिए लाया गया है।

विधेयक पास होने के फौरन बाद बीजेपी चीफ और राज्यसभा सांसद अमित शाह ने ट्वीट कर इसका समर्थन करने वाले सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया।

‘BSP बोली, छक्का सीमा पार नहीं जाएगा’ 

इससे पहले चर्चा के दौरान राज्यसभा में कुछ दिलचस्प दावे सुनने को मिले। विपक्षी सांसदों ने चुनाव से ठीक पहले इस बिल को लाने को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए। वहीं, सरकार ने बिल को ऐतिहासिक बताते हुए इसे मैच जिताने वाला छक्का बताया। इस पर BSP ने दावा किया कि यह छक्का सीमा पार नहीं जा पाएगा। दरअसल, उच्च सदन में 124वें संविधान संशोधन विधेयक पर हुई चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दावा किया कि यह विधेयक सरकार के लिए स्लॉग ओवर में मैच जिताने वाला छक्का साबित होगा।

बाद में बीएसपी नेता सतीशचंद्र मिश्रा ने सरकारी क्षेत्र में रोजगार के बेहद कम अवसर होने की ओर ध्यान दिलाया और इस विधेयक को एक ‘छलावा’ बताया। उन्होंने कहा कि दो दलों (BSP और SP) के राष्ट्रीय अध्यक्षों की नववर्ष पर मुलाकात के बाद से ही सरकार दहशत में आ गई और रातों-रात यह विधेयक तैयार किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Enable Google Transliteration.(To type in English, press Ctrl+g)