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प्रधानमंत्री कौशल केन्द्र का दौरा किया, युवाओं से मुलाकात कर उन्हें कौशल एवं नौकरियों में निरंतरता के लिए किया प्रोत्साहित

आम सभा, नई दिल्ली :  कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री डॉ महेन्द्र नाथ पाण्डे ने नई दिल्ली के मंदिर मार्ग स्थित प्रधानमंत्री कौशल केेन्द्र का दौरा किया। यह केन्द्र हेल्थकेयर (6 जॉब रोल्स) और सौर (2 जॉब रोल्स) जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित करता है।

यह किसी कौशल प्रशिक्षण केन्द्र में मंत्री जी का पहला दौरा था, इस दौरान उन्होंने उन युवाओं से मुलाकात की, जो सरकार के कौशल भारत प्रोग्राम के तहत प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। माननीय मंत्री जी ने उम्मीदवारों से बातचीत की और उन्हें प्रोत्साहित किया। उन्होंने बताया कि यह ज़रूरी है कि मिशन उम्मीदवारों की महत्वाकांक्षाओं पर खरा उतरे और उनमें भावी उद्यमी बनने के लिए आत्मविश्वास पैदा करे।

युवाओं को संबोधित करते हुए डॉ पाण्डे ने कहा, ‘‘कौशल प्राप्त करने के बाद ज़रूरी है कि आप बाज़ार में अच्छी नौकरी हासिल करें या उद्यमी बनें। हो सकता है कि आज आप नौकरी ढंूढ रहे हैं, किंतु अगर आपमें आत्मविश्वास, कौशल एवं क्षमता है तो आप उद्यमी बन सकते हैं, आप नौकरी प्रदाता बन सकतेे हैं।’’ उन्होंने कहा कि नौकरी पाने के बाद अपने आप को बाज़ार के अनुरूप प्रासंगिक बनाए रखना भी ज़रूरी है, अपनी नौकरी की निरंतरता को बनाए रखने के लिए नियमित रूप से अपने कौशल को अपग्रेड करते रहें।’’

युवाओं के बाज़ार के अनुरूप प्रासंगिक कौशल प्रशिक्षण एवं उद्यमिता के अवसर प्रदान करने के लिए देश के हर जि़ले में मॉडल प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित करने के दृष्टिकोण के साथ कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने देश भर में प्रधानमंत्री कौशल केन्द्र स्थापित किए हैं।

सरकार की प्रमुख योजना प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अनुरूप आवंटित किए गए ये 837 अत्याधुनिक प्रशिक्षण केन्द्र 29 राज्यों एवं 6 केन्द्र शासित प्रदेशों में फैले होंगे तथा 717 जि़लों कोे कवर करेंगे। अब तक 610 प्रधानमंत्री कौशल केन्द्र स्थापित किए जा चुके हैं और शेष स्थापना की विभिन्न प्रावस्थाओं में हैं।

एमएसडीई ने देश भर के युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु मानकीकृत बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए इन मॉडल प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना का लक्ष्य तय किया है; और अनिवार्य किया है कि इन केन्द्रों में उच्च गुणवत्ता के उद्योग-उन्मुख पाठ्यक्रम लागू किए जाएं। इसके तहत अल्पकालिक प्रशिक्षण प्रणाली को स्थायी संस्थागत मॉडल में बदलने का प्रयास किया गया है।

कौशल भारत मिशन के मद्देनज़र प्रधानमंत्री कौशल केेन्द्र एक बड़ा कदम है, जिसके उत्कृष्ट मॉडल प्रशिक्षण केन्द्र 3000 वर्गफीट से 8000 वर्गफीट क्षेत्रफल कवर करते हैं (जि़ले की आबादी के अनुसार)।

प्रधानमंत्री कौशल केन्द्रों हेतु प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण एवं बुनियादी सुविधाओं के लिए कुछ मानक तय किए गए हैं जैसे स्मार्ट क्लासरूम, ऑडियो-वीडियो प्रशिक्षण उपकरण, बायोमेट्रिक उपस्थिति, मैनुफैक्चरिंग कारोबारों में आवश्यक प्रशिक्षण, उद्योग जगत के अनुरूप सेमिनार और अतिथि व्याख्यान, समर्पित काउन्सलिंग, मोबिलाइज़ेशन और प्लेसमेन्ट सैल। हर प्रधानमंत्री कौशल केन्द्र के पाठ्यक्रम क्षेत्र की आबादी एवं स्थानीय युवाओं की महत्वाकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए निर्धारित किए जाते हैं। इन अत्याधुनिक केन्द्रों को भीतरी एवं बाहरी ब्राण्डिंग के मानकों का पालन भी करना होता है।

प्रधानमंत्री कौशल केन्द्र, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना को बढ़ावा देते हैं। हाल ही में एमएसडीई ने उम्मीदवारों को एक मानक मॉड्यूल पर काउन्सलिंग प्रदान करने के लिए हर प्रधानमंत्री कौशल केन्द्र में ‘स्किल साथी’ काउन्सलिंग युनिट की स्थापना को अनिवार्य कर दिया है। इससे विभिन्न क्षेत्रों में व्यवसायिक प्रशिक्षण एवं अन्य अवसरों के बारे में जागरुकता बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे भावी उम्मीदवारों को विभिन्न क्षेत्रों के बारे में संवेदनशील बनाया जा सकेगा, साथ ही उम्मीदावारों को कौशल प्रशिक्षण एवं करियर हेतु उचित मार्गदर्शन देने के लिए साइकोमीट्रिक टेस्टिंग एवं प्रत्यक्ष काउन्सलिंग को भी प्रोत्साहित किया जा सकेगा।

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