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प्राणपुर घाटी पर हुई दो ट्रकों में भिड़ंत।

कोई जनहानि नहीं ,गंभीर हादसा होते होते टला।
चंदेरी
राजघाट चंदेरी मुख्य मार्ग प्राणपुर घाटी पर गुरुवार की सुबह दो ट्रक इंडेन गैस सिलेंडर से भरे हुए आपस में टकरा गए जिससे एक ट्रक घटनास्थल पर पलट गया जबकि दूसरा ट्रक बाल बाल बचा।।

ट्रक के ब्रेक फेल होने से मारी पीछे से टक्कर

प्राप्त जानकारी अनुसार गुरुवार की सुबह राजघाट चंदेरी प्राणपुर घाटी मुख्य मार्ग पर ट्रक क्रमांक एमपी 04 जी ए 7105 एवं एमपी 33 एच 1837 जोकि डोंगर प्लांट से इंडेन गैस से भरे हुए सिलेंडरों को लेकर उत्तर प्रदेश बांसी एवं रामटोरिया जा रहे थे अचानक प्राणपुर घाटी पर ट्रक क्रमांक एमपी 04GA7105 के ब्रेक फेल हो जाने के कारण अपने आगे जा रहे ट्रक क्रमांक एमपी 33H1837 मैं अनियंत्रित होकर पीछे से जा टकराया टक्कर इतनी जोरदार थी कि आगे जा रहे ट्रक को संभलने का मौका नहीं मिला और वह प्राणपुर घाटी पर ही पलट गया जिसमें भरे सिलेंडर अस्त-व्यस्त होकर इधर उधर फैल गए गनीमत यह रही कि किसी भी प्रकार की कोई बड़ी जनहानि एवं दुर्घटना घटित नहीं हुई।

उक्त घटना की जानकारी चंदेरी प्रशासनिक अधिकारियों को प्राप्त होते ही तत्काल घटनास्थल पर प्रशासनिक बल सहित पहुंचकर पलटे हुए ट्रक को जेसीबी एवं अन्य मशीनों की सहायता से सीधा कर लिया गया और व्यवस्था बनाई गई।

दुर्घटना संभावित मार्गों को लेकर चंदेरी प्रशासन नहीं है सचेत

ऐतिहासिक नगर चंदेरी चारों ओर से पहाड़ियों से घिरा होने के कारण यह प्रत्येक मार्ग पर आवागमन के लिए बड़ी घाटियों से होकर गुजरना पड़ता है किंतु विडंबना यह है कि ना तो इन घाटियों पर उचित साइन बोर्ड लगाए गए हैं और ना ही उचित रेलिंग या पत्थरों की बाउंड्री वाल की व्यवस्था प्रशासन के द्वारा की गई है जब कोई गंभीर दुर्घटना घटित होती है तब प्रशासनिक अधिकारी नाम मात्र के लिए सचेत होकर कार्य करते हैं फिर स्थिति जस की तस हो जाती है।

सिंहपुर घाटी पर पड़ा पीपल का पेड़ प्रशासनिक अमले की लापरवाही का प्रत्यक्ष प्रमाण

चंदेरी पिछोर मुख्य मार्ग सिंहपुर घाटी पर विगत वर्ष एक पीपल के पेड़ से चार पहिया वाहन टकराने से वाहन में बैठे व्यक्तियों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी किंतु उस पीपल के पेड़ को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही आज भी देखने को मिलती है जो कि चंदेरी पिछोर मार्ग पर जस के तस हालत में पड़ा हुआ है जो कभी भी किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकता है आखिर प्रशासनिक अधिकारियों कि क्या नैतिक जिम्मेदारी है यह विचारणीय बिंदु है।

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