आम सभा, विशाल सोनी, चंदेरी : पंडित ब्रजकिशोर जी चतुर्वेदी जो कि सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल के संस्थापक, व्यवस्थापक, पूर्व प्रधान अध्यापक एवं समाजसेवी रहे हैं इनका निधन 29 मार्च को हो गया था। जिनकी त्रयोदशी आज स्थानीय पत्रकार संघ कार्यालय पर चल रही मां जगह जागेश्वरी रसोई के माध्यम से मनाई गई श्री चतुर्वेदी के परिवारजनों द्वारा इस रसोई में बन रहे आज के संपूर्ण भोजन की व्यवस्था की गई थी। इस लोक डाउन के चलते शहर में जिन गरीब असहाय एवं मजदूर वर्ग के लोगों को भोजन की व्यवस्था नहीं है ऐसे लोगों को को घर घर जाकर भोजन की व्यवस्था इस मां जागेश्वरी रसोई द्वारा करवाई जाती है जिसमें आज लगभग 1000 लोगों के घर घर जाकर भोजन का वितरण किया गया।
श्री चतुर्वेदी ने जी ने लगातार 20 साल तक चंदेरी शहर में नेत्र शिविरों का आयोजन किया उस समय चंदेरी ही नहीं आसपास भी मोतियाबिंद ऑपरेशन की कोई सुविधा नहीं थी उन्होंने जन सहयोग से राशि जुटा कर प्रत्येक शिविर में 250 से 300 मरीजों के ऑपरेशन प्रतिवर्ष करवाए इस प्रकार लगभग 6000 लोगों के निशुल्क ऑपरेशन श्री चतुर्वेदी द्वारा करवाए गए थे उस समय चीरा लगाकर ऑपरेशन होते थे मरीजों की दवा डॉक्टर, टेंट के साथ ही भोजन आदि की व्यवस्था दादा जी के नेतृत्व में ही की जाती थी उन्होंने शहर में बजरंग दल धर्मशाला फूटा कुआं, रघुनाथ जी के मंदिर के सामने वाली धर्मशाला में संस्कृत पाठशाला की शुरुआत की, इसके साथ ही सरस्वती शिशु मंदिर के वह संस्थापक थे छोटे से भवन में शुरू हुआ विद्यालय आज विशाल भवन में संचालित हो रहा है चंदेरी के युग निर्माण योजना की शुरुआत हुई उन्होंने ने ही की थी 40 साल पहले समाज के बंधनों को दरकिनार कर हरिजनों के यहां पर हवन करवाने का साहस भी आदरणीय स्वर्गीय दादाजी ने हीं दिखाया था।
रामलीला में युवा कलाकार में भगवान राम की भूमिका बाद में नारद की भूमिका मैं अभिनय अविस्मरणीय हैं 1990 के राम मंदिर आंदोलन के समय चंदेरी मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश सीमा पर स्थित होने के कारण गतिविधियों का विशेष केंद्र था कारसेवकों का उत्तर प्रदेश में प्रवेश होना भी यहीं से तय हुआ था उस समय सभी कार्य एवं एवं कार्यकर्ताओं को ठहरने एवं भोजन का प्रबंध भी चंदेरी की टीम को ही सौंपा गया था जिसका निर्वहन ही इनके द्वारा करवाया गया आज श्री चतुर्वेदी जी के परिवारजनों द्वारा मां जागेश्वरी रसोई के माध्यम से उनकी त्रयोदशी का आयोजन कर अपने पूज्य पिताजी के पद चिन्हों पर चलने का प्रयास भी उनके परिवारजनों ने किया है।
इसके साथ ही चंदेरी के अनुविभागीय अधिकारी देवेंद्र सिंह ने भी जनता से अपील की है कि इस पूरे विश्व में छाई कोरोना की महामारी के चलते कई लोगों को आज आवश्यक चीजों की जरूरत है क्योंकि चारों ओर लॉक डाउन का असर है गरीब मजदूर बेसहारा हो गए हैं एवं चतुर्वेदी परिवार द्वारा जिस तरह का उदाहरण समाज में प्रस्तुत किया गया है लोगों को आगे आकर इस तरह के आयोजन करना चाहिए जिससे एक और जहां दिवंगत की आत्मा को शांति मिलेगी वहीं दूसरी ओर गरीबों के लिए भोजन आदि की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जा सकती है।