Tuesday , October 15 2024
ताज़ा खबर
होम / व्यापार / स्नैपडील ने भारत के बाज़ारों को बनाया ऑनलाइन

स्नैपडील ने भारत के बाज़ारों को बनाया ऑनलाइन

आम सभा, भोपाल : भारत का प्रमुख मूल्य केंद्रित ई -कॉमर्स मंच, स्नैपडील भारत को बेहतरीन ऑनलाइन बाज़ार बनाने  भारत का प्रमुख मूल्य केंद्रित ई -कॉमर्स मंच, स्नैपडील भारत को बेहतरीन ऑनलाइन बाज़ार बनाने के लक्ष्य  की दिशा में तेज़ी से प्रगति कर रहा है।

भारत में खपत 800 अरब डॉलर है जो लगातार बढ़ रही है और 2025 में यह बढ़कर दो ट्रिलियन डॉलर हो जाएगी। पिछले कुछ साल में ज़ोरदार वृद्धि के बावजूद ऑनलाइन खरीदारी अभी भी 2-3  प्रतिशत है।

यह क्षेत्र तेज़ वृद्धि बरकरार रखते हुए 2025 तक 10 प्रतिशत हो जायेगा। इस तरह भारत का ऑनलाइन बाजार अगले सात साल में 200 अरब डॉलर का हो जायेगा।

भारत में सिर्फ 10 प्रतिशत खुदरा बाज़ार संगठित क्षेत्र से जुड़ा है जबकि 90  प्रतिशत खुदरा क्षेत्र असंगठित क्षेत्र – देश के हर राज्य, शहर में लोकप्रिय स्थानीय  बाज़ार – से सम्बद्ध है।

भारत के पहले 10 करोड़ ऑनलाइन खरीदार आम तौर पर बड़े शहरों से आये लेकिन अब ई-वाणिज्य का देश के छोटे और मंझोले शहरों में तेज़ी से विस्तार हो रह है। ऐसा मुख्य तौर पर इंटरनेट की सस्ती दर और स्मार्टफोन की सुलभता के कारण संभव हुआ जिसके कारण अब देश की करीब 40  प्रतिशत आबादी ऑनलाइन हो गई है।

छोटे और मंझोले शहरों से भारी संख्या में लोग इंटरनेट से जुड़ गए हैं तो अब वे ऑनलाइन खरीदारी शुरू कर रहे हैं और अपनी जानी-पहचानी चीज़ें पैसा वसूल कीमत पर खरीदने के विकल्प की तलाश कर रहे हैं।करीब 50  करोड़ भारतीयों का इंटरनेट से जुड़ा होना बड़ी बात है और यह भारतीय बाज़ारों के लिए  कारोबार बढ़ाने के उद्देश्य से ऑनलाइन खरीदारों का लाभ उठाने का अनुकूल मौका है।

पहले असंगठित क्षेत्र संगठित क्षेत्र और कुछ बाजार मंचों की ओर से भारी-भरकम छूट दिने जाने से बुरी तरह प्रभावित था। परिणामस्वरुप लाखों छोटे-मंझोले विक्रेता अपना कारोबार बंद करने की कगार पर पहुँच गए थे।

स्नैपडील का विशुद्ध बाज़ारमंच मॉडल भारतीय बाज़ारों को ऑनलाइन होने और ई -वाणिज्य के मौके का लाभ उठाने के लिए डिजिटल मंच मुहैया कराने में बेहद सफल रहा है।

अपने मंच पर विक्रेताओं के साथ प्रतिस्पर्धा न करने की अपनी नीति के अनुरूप स्नैपडील की अपनी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कोई इन्वेंटरी नहीं है। साथ ही इसका अपना कोई निजी लेबल नहीं है और किसी विक्रेता में हिस्सेदारी या नियंत्रण नहीं है। इसके कारण यह भारत छोटे एवं मंझोले विक्रेताओं के लिए ऑनलाइन अवसर का लाभ उठाने के मामले में पसंदीदा मंच बन जाता है। स्नैपडील के पास पूरे देश भर के पांच लाख से अधिक पंजीकृत विक्रेता हैं।

स्नैपडील के पास काफी संख्या में ऐसे विक्रेता हैं जो मध्य प्रदेश के हैं। इनमें से गेम कंट्रोलर की बिक्री करने वालों  में सागर के विक्रेताओं की संख्या सबसे ज़्यादा है और ऐसा देश में पीयूबीजी के लोकप्रिय होने के कारण हुआ। स्नैपडील पर मध्य प्रदेश के लोकप्रिय गेम कंट्रोलर ब्रांड में शीशा, मसकट, तोतु, एरोमोरा और ईटीपीएस  शामिल है। ग्वालियर के विक्रेता भारी संख्या में कॉस्मेटिक सामान मसलन, फेशियल किट, काजल, दाढ़ी में लगाने वाला तेल, बालों का मास्क और केश तेल बेचते हैं।

स्नैपडील मध्य प्रदेश में लगभग हर जगह पर मौजूद है। दूसरे राज्यों की तरह ही मध्य प्रदेश के छोटे शहरों के बाज़ारों में भी सीमित उत्पाद हैं और मूल्य के लिहाज़ से विकल्प काम हैं। स्नैपडील के ज़रिये खरीदार देश के सभी प्रमुख बाज़ारों में उपलब्ध उत्पादों तक पहुँच पाते हैं।

स्नैपडील उपयोक्ताओं की खरीदारी सम्बन्धी पसंद समझने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग की मदद लेता है और इसका निरंतर फीड ऐसे उत्पाद दिखाता है जो खरीदारों की ज़रुरत के अनुरूप होता है।

स्नैपडील उत्पाद की उपयोगिता और मुख्य विशेषताएं बताने के लिए छोटे-छोटे वीडियो भी मुहैया कराता है ताकि खरीदारों को निर्णय करने में मदद मिले। इसके पास उत्पाद खरीदारों की समीक्षा और रेटिंग भी उपलब्ध है ताकि सीधे उनसे ही अनुशंसा मिल जाये। स्पिन द व्हील और स्क्रैच द कार्ड जैसे खेलों से उपयोक्ताओं को और आकर्षक जानकारी मिलती है। इससे ऑनलाइन खरीदारी और मज़ेदार तथा उत्साहजनक हो जाती है।

इन पहलों के ज़रिये स्नैपडील ने बेहतर अखिल भारतीय बाज़ार बनाया है जहाँ ज़्यादा विकल्प, ज़्यादा डील, ज़्यादा सुविधा, अनुकूल नीतियां हैं और इससे खरीदारी मज़ेदार बन जाती है। साथ ही बाज़ार की चहल-पहल और मोल-मोलाई की भी भाव आता है। हर महीने 7. 7  करोड़ उपयोक्ता स्नैपडील पर आते हैं करीब 20 करोड़ एसकेयू से खरीदारी करते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Enable Google Transliteration.(To type in English, press Ctrl+g)