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देवरिया / साहब राशन खरीदने के पैसे नही है, कार्ड बनाने को कहा से पैसे दे

आम सभा, अमित सिंह, देवरिया : करोना रूपी वैश्विक महामारी को लेकर केंद्र व प्रदेश सरकार जनसहयोग के लिए कार्यरत है।जिला प्रशासन भी लगातार लोगो के सहयोग के लिए ततपरता से लगा हुआ है।ताकि जनपद में कोई भूखा न रहे।पर कोटेदारो व आपूर्ति विभाग के कुछ कर्मचारियों की मनमानी से जिला प्रशासन के मंसूबे पर पानी फिरता नजर आ रहा है।इस लाकडाउन मे जहां दिहाड़ी मजदूरों के पास राशन खरीदने के भी पैसे नही है,वही उनसे राशन कार्ड बनवाने व कार्ड में नाम चढ़वाने के नाम पर सौ से पाँच सौ रुपये तक वसूले जा रहे है।ऐसे में वह यही कह रहे है, की साहब राशन खरीदने को पैसे नही है, कार्ड बनाने को कहा से दे।

वैश्विक महामारी के संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाकडाउन किया गया।और लोगो से घरो में रहने का अपील किया गया।इस दौरान दिहाड़ी मजदूरों के सामने भोजन की समस्या उतपन्न हो गई।इसे देखते हुए सरकार के निर्देश पर सभी सरकारी कर्मचारी इनके मदद को ततपरता से लग गए।लोगो के पास भोजन व अन्य राहत सामग्रियां पहुचाई जाने लगी।वही रासन वितरण प्रकिया में भी बदलाव हुआ।और एक माह में दो बार राशन दिये जाने की व्यवस्था हुई।जिसमे दूसरी बार प्रति यूनिट(ब्यक्ति)5 किलो अतिरिक्त चावल दिया जाने लगा।इससे लोगो ने राहत की सांस लिया।

कार्ड कट जाने से हुई दिक्कत,लाकडाउन का कोटेदारो ने उठाया फायदा

जिसके पास कार्ड नही था या जिनका कार्ड कट गया था या कार्ड से कुछ सदस्यों का नाम कट गया था।उसे जोड़वाने के लिए लोग ऑनलाइन करा कोटेदार को देने लगे ,क्योंकि लाकडाउन की वजह से पूर्ति निरीक्षक व जिले पर किसी का पहुच पाना सम्भव नही था।कोटेदार ही उनके सामने रासन कार्ड बनवाने का एक विकल्प था।जिसका फायदा कोटेदारो ने बखूबी उठाया और सारी इंसानियत को दर किनार कर आपूर्ति विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से 100 से लेकर 500 रुपये तक लिए।

राशन कार्ड फिड करने का विभाग कम्प्यूटर आपरेटर लेते है, पैसा तो हम क्या करे

जब कोई कार्ड धारक कोटेदार से यह पूछता है कि आखिर यह पैसे क्यों ले रहे हैं, तो कोटेदारो का यह जबाब होता है,की विभाग में बैठा कम्प्यूटर आपरेटर प्रति कार्ड पैसा लेता है, जिस कार्ड का हम पैसा नही देते हैं, वह कार्ड नही चढ़ता ,ऐसे में हम क्या करे,हम तो धोबी का कुत्ता बन गए हैं, विभाग व कोटेदारो के चक्की में बेचारे गरीब मजदूर ही पीस रहे हैं, व दुसरो से कर्ज लेकर मजबूरी बस कार्ड बनवाने के लिए पैसे दे रहे हैं।पर इसकी सुधि लेने वाला कोई नही है।

किसी के बहकावे में ना आये कार्ड धारक-पूर्ति निरीक्षक

इसे लेकर जब गौरीबाजार पूर्ति निरीक्षक फणिश्वर त्रिपाठी से बात किया गया तो उन्होंने बताया कि आधार सीडिंग की वजह से बहुत से लोगो का कार्ड व कार्ड से नाम कट गया था।अधिकतम लोगो को जोड़ दिया गया है।और अब भी जोड़ा जा रहा है। कार्ड धारक किसी के बहकावे में ना आये।जिनका राशन कार्ड पहले से है और वह कट गया है तो वह जनसेवा केंद्र से नया ऑनलाइन कराके के रसीद व पुराना कार्ड हमारे नम्बर 9415102233 पर वास्ट्सप करा दे। वही जिनके कार्ड से सदस्यों का नाम कट गया है वे जनसेवा से ऑनलाइन कराके पर्ची आपने पास रख ले उसे किसी को देने की जरूरत नही है वह अपने आप जुड़ जाएगा।वही जिनको नया राशन कार्ड बनवना है वह ऑनलाइन करा के अपने क्षेत्र ग्राम पंचायत अधिकारी (सिकरेटरी)को उसकी रसीद दे दे। अगर कोई पैसा माँगता है तो हमसे सम्पर्क करें।

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