आम सभा, मुंबई : सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन का द कपिल शर्मा शो अपनी शुरुआत से ही अपने फैंस को लुभा रहा है, जिसने दर्शकों को लाफ्टर और मनोरंजन का सबसे जरूरी डोज़ दिया! इस वीकेंड यह शो बेहद लेजेंडरी होगा, जहां भारत की सबसे प्रभावशाली महिलाओं को सेलिब्रेट किया जाएगा। इनमें शामिल होंगी सुधा मूर्ति, रवीना टंडन और गुनीत मोंगा, जिन्होंने अपनी फील्ड्स में एक खास पहचान बनाई है। इन जानी-मानी हस्तियों ने अपने करियर्स में बेमिसाल सफलता हासिल की है और अपनी लगन और मेहनत से बहुत-से लोगों को प्रेरित किया है। जहां इस शो में ऐसी शानदार हस्तियां शामिल होंगी, वहीं यह एपिसोड नोकझोंक, बेमिसाल मनोरंजन और दिल छू लेने वाली कहानियों से भरी एक शाम लेकर आएगा।
एक दिलचस्प चर्चा के दौरान, जब ज़िंदगी की कहानियां और अलग-अलग अनुभव सुनाए जा रहे थे, तभी होस्ट कपिल शर्मा ने रवीना टंडन से उनकी पहली फिल्म और पहले रोल के बारे में पूछा। रवीना टंडन सभी को पुरानी यादों में ले गईं और उन्होंने बताया, “मैं अपने कॉलेज के फर्स्ट ईयर में थी। मैं और मेरे दोस्त अक्सर लिंकिंग रोड पर एक पिज़्ज़ा शॉप में जाया करते थे, जो नई-नई खुली थी।
एक दिन जब हम वहां बैठे थे, तो मैंने विवेक वासवानी और अनंत बलानी को देखा, जो हमारे पास में ही बैठे हुए थे। वो सलमान खान की दूसरी फिल्म के लिए हीरोइन के बारे में बातें कर रहे थे। अनंत ने मेरी तरफ इशारा किया और विवेक से मुझसे बात करने को कहा। विवेक ने मुझे नहीं पहचाना, लेकिन मैं उन्हें पहचान गई कि वो मेरे भाई के दोस्त हैं। मैंने भी उनसे यह बात बताई, जब उन्होंने मुझसे मेरा नाम पूछा था। उन्होंने मुझे पहचान लिया कि मैं रवि जी की बेटी हूं और इस तरह हम जुड़ गए। आगे मैं प्रह्लाद कक्कड़ के साथ इंटर्न का काम करने लगी और शूट्स में भी उन्हें असिस्ट करती थी।
जब कोई मॉडल उपलब्ध नहीं होती थी, तो वो मुझे फ्री में खड़े करवा देते थे। बांद्रा में ऐसी ही एक शूटिंग के दौरान बंटी वालिया ने मुझे नोटिस किया और सलमान से बताया कि मैं फिल्मों के लिए परफेक्ट रहूंगी और फिर वो सलमान को मुझसे मिलाने लाए। हालांकि सलमान मुझसे पर्सनली नहीं मिले थे, लेकिन उन्होंने दूर से मुझे नोटिस कर लिया। इस बीच मेरे पिता को सलीम जी से एक कॉल आया और इस तरह मुझे एक और मौका मिल गया। आप जानते हैं, किस्मत किस तरह काम करती है, सबकुछ लिखा होता है और जो लिखा है वो होकर रहेगा।”
आगे अपने पिता को याद करते हुए रवीना इमोशनल हो गईं और उन्होंने कहा, “मैंने हाल ही में फरवरी में अपने पिता को खो दिया था और इसके ठीक बाद मुझे दादा साहब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवॉर्ड मिला। तब से हर महीने मैं कहीं ना कहीं अवॉर्ड लेने जा रही हूं। मुझे लगता है कि मेरे डैड हमेशा मेरे साथ हैं। जब भी मैं किसी खास वजह से कहीं भी जाती हूं तो मैं हमेशा अपने डैड की घड़ी पहनकर जाती हूं। आज भी मेरे डिज़ाइनर मुझसे कहते हैं कि यह घड़ी मेरी ड्रेस से मैच नहीं करती लेकिन मैंने उनसे कहा कि यह हमेशा मेरे साथ रहेगी, क्योंकि यह मेरे पापा का आशीर्वाद है।”