आम सभा, भोपाल : उबुन्तु हार्ट हॉस्पिटल के सहयोग एवं इंडीयन कॉलेज ऑफ कार्डियोलोजी के तत्वधान में एक हृदय रोग कॉनफ्रेंस का आयोजन दुसरे दिन भी जारी रहा। आज कई चिकित्सकों ने अपने अपने विचार रखे जिसमे मुख्य रूप से इंदौर से आए हुए डॉ. विद्यूत जैन के द्वारा बताया गया कि ब्लडप्रेशर में कई बार सिर्फ सिस्टोलिक बी. पी. बढ़ा होता है जिसे हम कई बार गंभीरता से नहीं लेते है इसे भी गंभीरता से लेना चाहिये इनके परिणाम भी कई बार घातक साबित होते हैं। इसके अलावा बनारस से आए डॉ. डी. जैन नवीनतम उपलब्ध दवाईयों के बारे मे जानकारी दी। डॉ. सुब्रोतो मण्डल ने हृदय रोग के मुख्य कारक मधुमेह के रिर्वसल के बारे में बताया। दोपहर में एक मधुमेह की कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमे मुख्य रूप से डॉ. सुशील जिंदल, डॉ. सचिन गुप्ता एवं डॉ. मण्डल सुब्रोतो रहें जिन्होंने मधुमेह के बारे मे जनता को जानकारी उपलब्ध कराई। डॉ. मण्डल सुब्रोतो ने मधुमेह को किस प्रकार से संतुलित रखा जाऐ एवं बिना दवाईयों के द्वारा सामान्य रहन सहन, खान-पान आदि के द्वारा भी मधुमेह को किस प्रकार से नियंत्रित रखा जा सकता है इस बारे में विस्तृत जानकारी दी।
हृदय रोग होने का सबसे मुख्य कारण डायबटीज का भी है जिन मरीजों को मधुमेह की बीमारी होती है उन्हें हृदय रोग की संभावना साधारण व्यक्ति की तुलना में 3 से 4 गुना तक अधिक होती है और इसी कारण से मधुमेह को भी समझना जरूरी होता है। साधारण व्यक्ति को मधुमेह के बारे मे जानकारी बहुत ही कम होती है कि किस कारण से उन्हें डायबीटीज़ की बीमारी हुई एवं अब उन्हें आगे किस प्रकार से मधुमेह का नियंत्रण रखना चाहिये एवं और क्या रोकथाम करनी चाहिए आदि के बारे एक मधुमेह कार्यशाला का आयोजन रवीवार 12 जनवरी को दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक हॉटल कॉर्टियार्ड बाय मेरियॉट में साधारण जनता के लिए किया जा रहा हैं (प्रवेश निःशुल्क) हैं। इस कार्यक्रम में कोई भी व्यक्ति जिन्हें या उनके परिवार में किसी को मधुमेह की बीमारी है प्रवेश पा सकता हैं। जिसमें शहर के प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. मण्डल सुब्रोतो एवं शहर के सुप्रसिद्ध मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ. सुशील जिंदल एवं डॉ. सचिन गुप्ता लोगों को मधुमेह के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे।
इस प्रकार इस कार्यक्रम का समापन हुआ जिसमें देश के लगभग सभी बड़े शहरों से आए हुए एवं प्रदेश के लगभग 250 डॉक्टर शामिल हुए। एवं लगभग 300 शहर वासीयों ने भी मधुमेह की कार्यशाला में भाग लिया और मधुमेह के बारे में जानकारी प्राप्त की। जब उन्हें यह पता चला कि मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जिसे सिर्फ खानपान के द्वारा भी नियंत्रित किया जा सकता है एवं उसे पूरी तरह से रिवर्स भी किया जा सकता है यह जानकर कई लोग आश्चर्यचकित भी हो गये और इसी प्रकार का आयोजन पुनः बड़े स्तर पर करने का आग्रह किया।