आम सभा, भोपाल : महाराणा प्रताप महाविद्यालय रातीबड़ में गांधी जी की नई तालीम व अनुभवजन्य शिक्षा पर एक दिवसीय सम्मेलन का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ जवाहर नवोदय विद्यालय रातीबड के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत वन्दना गीत से हुआ जिसने सभी को मन्त्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आर.बी.एस. कॉलेज आगरा से आए प्रो. बसंत बहादुर सिंह ने कहा कि गांधी जी का शिक्षा दर्षन आज भी प्रासंगिक हैं।
मंथली एजूकेशनल रिसर्च कान्फ्रेंस जिसके बैनर तले इस सम्मेलन का आयोजन किया गया, के सचिव व बरकतउल्ला विश्वविद्यालय शिक्षा संकाय के प्राध्यापक डॉ. हेमन्त खंडाई ने कहा कि आज की शिक्षा का बहुत बड़ा दोष इसका गांवों से दूर होना है। महाविद्यालय के प्राध्यापक प्रो. एन.के. कौशिक ने सम्मेलन के उद्देष्यों पर प्रकाश डाला व अतिथियों का परिचय दिया।
सम्मेलन के दूसरे भाग में प्रतिभागियों ने समीप के गांव आमला का भ्रमण किया व ग्रामीणों विषेषकर महिलाओं व बालिकाओं से उनकी शिक्षा में आने वाली रुकावटों पर चर्चा की। सम्मेलन में भोपाल के अलावा रायसेन, खण्डवा व होशगाबाद से आए शिक्षा महाविद्यालयों के प्राध्यापकों ने प्रायोगिक शिक्षा पर अपने विचार व्यक्त किए।
महाराणा प्रताप महाविद्यालय मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष डॉ. नरेन्द्र सिंह भाटी ने अतिथियों का स्वागत किया व महाविद्यालय को संगोष्ठी का स्थल चुनने के लिए संगोष्ठी के सचिव डॉ. खण्डाई को धन्यवाद दिया।
कार्यक्रम के अंत में दो मिनट का मौन रखकर पुलवामा के शहीदों को श्रृद्धांजलि अर्पित की गई।