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भेल भोपाल : कर्मचारियों के 8 वां वेज रिवीजन कराने बीएमएस के 82वे चरण के आंदोलन का द्वार सभा

द्वार सभा से बीएमएस ने प्रबंधन को चेताया 10 जनवरी को हो वेज रिवीजन
नही तो करेंगे शीर्ष अधिकारियों की नींद हराम
आंदोलन की चिंगारी दिल्ली तक जाएगी
भोपाल। भारतीय मजदूर संघ मंगलवार 8 जनवरी 2019, शाम 04 बजे से 5 न. फाउंड्री गेट पर द्वार सभा का आयोजन किया। हजारों की तादात में भेल कर्मचारी अपने 8वां वेज रिविजन  10 जनवरी को कराने हेतु द्वार सभा के सहभागी बने और वेज वार्ता में यूनियन द्वारा उठाये गए कर्मचारी हित के सभी मुद्दें पर विस्तृत जानकारी से रूबरू हुए।
यूनियन के उपाध्यक्ष सतेन्द्र कुमार ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि 10 जनवरी को संयुक्त समिति की मैराथन बैठक करके कर्मचारी हित में बीएमएस के मांग के अनुरूप 15 प्रतिशत फिटमेंट एवं 35 प्रतिशत पर्क के साथ निर्णय करे। समझौते में ये सुनिश्चित हो कि अधिकारी के वेतन के 55% कर्मचारी को मिले। सभी ग्रेड के कर्मचारियों को यही रिलेटिविटी मेन्टेन करे। हरेक पदोन्नति पर मूल वेतन में जम्प मिले। प्रत्येक ग्रेड के प्रमोशन में एक साल कम (A6, A7… 4 वर्ष) हो। साथ ही कर्मचारियों के वेतन विसंगति तत्काल दूर करे। अनुकंपा नियुक्ति प्रारम्भ करे एवं कर्मचारियों को बीमा दो करोड़ का टर्म प्लान प्रारम्भ करे। एचआरए का भुगतान जनवरी 2017 से हो, ढाई इंक्रीमेंट से बंचित कर्मचारियों को अतिरिक्त लाभ मिले। जिन कर्मचारियों से एक वर्ष के स्थान पर ढाई वर्ष डीआर कराया गया उन्हें समस्त लाभ देने, केंद्र सरकार द्वारा निर्देशित सीसीएल का लाभ का प्रावधान समझौते में अवश्य होनी चाहिए।
 एक तरफ प्रबंधन अपने अधिकारीयों के पे रिवाइज करके बढे हुए वेतन का लाभ एचआरए सहित सितंबर माह से ले रहा है वहीं दिन रात खून पशीने बहाकर उत्पादन में जुटे मेहनतकश कर्मचारियों के साथ अन्याय कर रहा है।
 वेज रिविजन 1.1.2017 से लंबित है और भारतीय मजदूर संघ 27 दिसम्बर 2016 को चार्टर ऑफ़ डिमांड सौपा है, तब से डेढ़ महीनों की अगस्त क्रांति सहित आज 82 वे चरण का आंदोलन कर किया है और आगे भी इस लड़ाई को अंजाम तक पहुँचाने को दृढ़ संकल्पित है।
यूनियन अध्यक्ष विजय सिंह कठैत ने कहा कि प्रबंधन पूर्व की भांति अड़ियल रवैये को त्याग करके बीएमएस के मांग के अनुरूप कर्मचारी हित मे वेतन समझौता करे। ये आंदोलन की चिंगारी दिल्ली तक जाएगी। प्रबंधन को चैन से रहने नही दे सकते। क्योकि भेल के 20 हजार कर्मचारी दो वर्ष से अपने हक के लिए आंदोलित है ।
यूनियन के महामंत्री कमलेश नागपुरे ने कहा कि वेज रिवीजन हेतु संयुक्त समिति की प्रथम बैठक 14 मई 2018, दूसरी बैठक 21 सितंबर 2018, तीसरी बैठक 26 अक्टूबर 2018 को किया गया। परंतु एक सेंट्रल लीडर के उदासीनता एवं प्रबंधन के मजदूर विरोधी मानसिकता के कारण पिछले बैठकों में खानापूर्ति के अलावा कुछ भी न हो सका। सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों (CPSU) में कर्मचारी वर्ग का वेज रिविज़न हो चुका है जहां पांच वर्ष के वेज रिवीजन के लिए  पोर्ट एंड डॉक में 10.5%, भारत डायनेमिक में 15% और कोल् इंडिया में 20 % फिटमेंट दिया गया है वही 10 वर्ष के वेज समझौता हेतु  NPCC में 15 %, ECIL  17%, DMRC 15%, BEL 15%, कंटेनर कॉरपोरशन ऑफ इंडिया लिमिटेड में 15%, फिटमेंट दिया गया है। परंतु भेल के जेसीएम में प्रबंधन ने कर्मचारियों को 10% फिटमेंट और 31% पर्क देने का प्रस्ताव रखा है जो कि किसी भी तरह से मजदूरो के लिए न्याय संगत नहीं है। सभी कर्मचारियों को इस पर मंथन करने की आवश्यकता है साथ ही दूसरे CPSU एवं भेल के पुराने वेज रिविज़न की तुलना भी किया जाना आवश्यक है। ढाई इंक्रीमेंट से बंचित 2009 एवं उसके बाद के कर्मचारियों को 8 वां वेज रिविज़न में मूल वेतन की खाई को कम करने की आवश्यकता है।
 2017 के वेज रिविज़न में जिस प्रकार अधिकारियों ने 3 साल बाद अपने वेज रिविज़न का रिव्यु का विकल्प रखा है उसी तरह कर्मचारियों  के लिए भी प्रावधान हो।
 प्रबंधन 1997 के कर्मचारी एवं अधिकारी के वेज रिविज़न के 3 साल बाद वर्ष 2000 में अधिकारियों का दोबारा वेज रिविज़न कर लाभ लिया वही कर्मचारियों के साथ धोखा किया।
  2007 के वेज रिविज़न में भेल ने सभी कैडर को 46% पर्क दिया पर बाद में अलग से अधिकारियों ने 11 तरह की सुविधाओ का लाभ लिया। जिसमे फर्नीचर भत्ता, टेलीफोन बिल स्वयं एवं
घर का, नया मोबाइल खरीदने की सुविधा, शिष्टाचार भत्ता (courteous allowance)
पर्दा भत्ता, घर एसी सुविधा,
ब्रीफकेस बैग भत्ता, लैपटाप भत्ता, घरेलू उपयोग के समान (जैसे की – नहाने के साबुन,हैंड वॉश, टॉइलेट क्लीनर, शेविंग क्रीम इत्यादि ), सेवानिवृत्ति पर एक विशेष प्रमोशन सामिल है परंतु इसके एवज में कर्मचारियों को कुछ भी नही दिया गया।
हर स्तर पर मजदूरो का शोषण करने का प्रयास किया जा रहा है। अस्पताल, टाउनशिप, स्कूल एवं सामाजिक दायित्व का निर्वाह करने से प्रबंधन बच रहा है यह पूंजीपति मानसिकता का उदाहरण है।
कार्यक्रम में यूनियन के  उपाध्यक्ष रोहित कुमार, अनिल कुमार, संजय चौधरी,मंत्री प्रदीप अग्रवाल, विनोद विशे, नितिन कोंडे, रमेश कुराडिया, विजय सिंह रावत,जगदीश मालवीय, अश्वनी मौर्य, रामनंदन सिंह, संतोष अहिरवार, धर्मेंद्र कुमार, अमित साहू, गजेंद्र बंछोड़, शिशुपाल यादव, दयाल सिंह राणावत, लक्षमण प्रसाद, शरद बिलास,अतुल तिवारी, चंद्रशेखर चौहान, शेखर लिल्हारे, मेहर चंद, रवि अहिरवार, शेखर लिल्हारे, प्रभात कुमार, प्रकाश पाटिल, दिनेश करण, राकेश कोल, संजय गुप्ता, विनोद मौर्य , अमृतलाल साकेत, रवि अहिरवार, इंद्रेश शर्मा, सतीश नामदेव, गजानदं लिल्हारे, नरेंद्र पटले, संजीत पाल, अमन वर्मा, विश्वराज आनंद ,अमित कश्यप, रोहित मालवीय, राजेश बर्मन, आशीष एवं भारी संख्या में यूनियन के कार्यकर्त्ता उपस्थित थे।

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