आम सभा, विशाल सोनी, चंदेरी। नौ दिनों से चल रहे दशलक्षण महापर्व के अंतिम दिन श्री पार्श्वनाथ दि. जैन पुराना मंदिर जी में संस्कार प्रणेता मुनि श्री पद्मसागर जी महाराज के द्वारा सम्पूर्ण विश्व में अपने पैर पसार रहे कोरोना महामारी के प्रभाव को समाप्त करने हेतु एवं सभी पीड़ित व्यक्तिओ को शीघ्र ही स्वास्थ्य लाभ हो, सभी निरोगी हो इस मंगल भावना से विश्व कल्याण हेतु महा शांति धारा की गईं. जिसमें मुनि श्री के मुखार विन्द से 108 महामन्त्रो का उच्चारण किया गया.
जैन प्रवक्ता प्रवीण जैन जैनवीर ने आयोजित कार्यक्रम का विवरण देते हुए बताया की पर्यूषण पर्व के अंतिम दिन सभी श्रावकों द्वारा सम्यक भाव से शाश्वत फल की प्राप्ति हेतु शुभ कर्मो का अर्जन कर श्री जिनेन्द्र भगवान की पूजन अर्चना की. इस पावन पुण्य सुयोग पर जैन धर्म के 12 वें तीर्थंकर श्री 1008 श्री वासुपूज्य जी भगवान का निर्वाण कल्याणक महा महोत्सव भारी धर्म प्रभावना के साथ 12 किलो का निर्वाण लाड़ू समर्पित किया गया.
नित्य पूजन अभिषेक के उपरांत श्री जिन सरस्वती पूजन एवं आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की पूजन प्रवीण जैन एवं समकित जैन द्वारा कराई गईं पूजन में शाश्वत जैन, राज जैन अर्हम ने वाद्य यंत्रों द्वारा कार्यक्रम को चार चाँद लगाए.
मुनि श्री के सानिध्य में प्रतिदिन 10 व्यक्तिओं के द्वारा जैन धर्म के महान ग्रंथ, महान आचार्य श्री उमा स्वामी द्वारा रचित श्री तत्वार्थ सूत्र (मोक्षशास्त्र) का वाचन कराया जा रहा है. यह चंदेरी के जैन इतिहास का प्रथम अवसर है जब मुनि श्री के सानिध्य में 08 वर्ष के बच्चों से लेकर 80 वर्ष तक के बुजुर्गो द्वारा प्रतिदिन इस महा ग्रंथ का वाचन किया गया है.
दोपहर को मुनि श्री के पावन सानिध्य में श्री जिनेन्द्र भगवान का जलअभिषेक का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ एवं मुनि श्री की मंगल देशना हुई. रात्रि में संगीतमय आरती युवा वर्ग द्वारा की गईं एवं दश धर्म के प्रवचन उत्कर्ष भैया द्वारा किये गए.