Thursday , May 1 2025
ताज़ा खबर
होम / राज्य / अयोध्या में 121 साल से चली आ रही परंपराअक्षय तृतिया के मौके पर टूट गई

अयोध्या में 121 साल से चली आ रही परंपराअक्षय तृतिया के मौके पर टूट गई

अयोध्या

अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए बुधवार को हनुमानगढ़ी के गद्दीनशीन महंत प्रेमदास ने 121 साल पुरानी परंपरा को संतों की सहमति मिलने के बाद तोड़ दिया। इसके साथ ही हनुमान गढ़ी का कोई गद्दीनशीन महंत 1904 के बाद पहली बार 52 बीघे की परिधि से बाहर निकला है। महंत प्रेमदास ने न सिर्फ रामलला का दर्शन किया बल्कि राम मंदिर की अंतरगृही परिक्रमा का भी शुभारम्भ किया है। राम मंदिर के निर्माण के बाद पहली बार वीवीआईपी के लिए परिक्रमा खोली गई है। गद्दीनशीन महंत सहित अन्य संतों-महंतों ने भगवान के साथ रामरक्षा स्तोत्र का पाठ किया। रामलला को 56 भोग भी लगाया गया। इससे पहले हनुमानगढ़ी अखाड़े के निशान के साथ गद्दीनशीन महंत प्रेम दास की नगर में शोभायात्रा निकाली गई। इसका जगह-जगह स्वागत हुआ।

हनुमानगढ़ी की नियमावली के अनुसार गद्दीनशीन पद पर प्रतिष्ठित महंत आजीवन परिसर के 52 बीघे की परिधि के बाहर नहीं निकल सकते हैं। इसी नियम के कारण महंत प्रेम दास राम मंदिर के निर्माण के बाद भी रामलला के दर्शन नहीं कर सके और दर्शन पाने के लिए लालायित थे। पिछले दिनों महंत की इच्छा को लेकर निर्वाणी अखाड़ा के पंचों ने बैठक की और सर्वसमिति से दर्शन की अनुमति दे दी। तय हुआ को अक्षय तृतिया के पावन मौके पर महंत रामलला के दर्शन करेंगे।

तय कार्यक्रम के अनुसार बुधवार को अखाड़े के निशान के साथ गाजा-बाजा के साथ महंत की शोभायात्रा राम मंदिर के लिए रवाना हुई। इस दौरान अखाड़े के नागा संत व शिष्य श्रद्धालु भी शामिल रहे। हनुमानगढ़ी से शोभायात्रा पहले सरयू तट पहुंचीं। यहां गद्दी नशीन महंत और अन्य नागा संतों मां सरयू का पूजन किया। इसके बाद शोभायात्रा राम मंदिर पहुंची। यहां भगवान का दर्शन कर महंत भाव विभोर हो गए।

सिविल कोर्ट भी करता रहा है मर्यादा का पालन

हनुमानगढ़ी के गद्दीनशीन महंत के 52 बीघे वाले परिसर से बाहर नहीं निकलने की नियमावली की इस शर्त की मर्यादा का पालन सिविल कोर्ट भी करता है। किसी सिविल मुकदमे में गद्दीनशीन के बजाय अखाड़े के मुख्तार ही पैरोकार के रूप में अदालत में हाजिर होते हैं। यदि जरूरत पड़ी तो कोर्ट स्वयं हनुमानगढ़ी आकर गद्दी नशीन का बयान दर्ज करती रही है। यह परम्परा 1904 से चली आ रही है।

Slot777 slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor info kabar slot gacor slot gacor slot gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Situs Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor info kabar Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor slot gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://dakukeren.balangankab.go.id/ slot gacor slot gacor https://elearning.unka.ac.id/ https://jurnal.unka.ac.id/bo/ https://jurnal.unka.ac.id/rep/ slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://jurnal.unka.ac.id/ https://unisbajambi.ac.id/ https://sia.unisbajambi.ac.id/ https://sipp.pn-garut.go.id/ https://fatecjahu.edu.br/ https://poltekkesbengkulu.ac.id/ https://journal.unublitar.ac.id/ https://poltekkes-pontianak.ac.id/ https://conference.upgris.ac.id/ https://kabar.tulungagung.go.id/wop/ Slot Gacor 2025 Slot Gacor Hari Ini slot gacor slot gacor slot gacor