मोदी सरकार 2.0 के पहले लोकसभा सत्र की शुरुआत हो गई है. आज बजट सत्र शुरू हो गया है और नए सांसदों को शपथ दिलाई जाएगी. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब मीडिया को संबोधित किया तो उन्होंने इशारों-इशारों में विपक्ष को नसीहत दे दी. PM ने कहा कि विपक्ष नंबरगेम की चिंता छोड़े और लोक कल्याण के मुद्दों को उठाए. प्रधानमंत्री के इस बयान से अब कयास लगने लगे हैं कि क्या मोदी सरकार बड़ा दिल दिखाते हुए विपक्षी पार्टी कांग्रेस को लोकसभा में नेता विपक्ष का पद देगी?
बता दें कि पिछली लोकसभा में भी नेता विपक्ष का पद किसी पार्टी को नहीं मिल पाया था. और इस बार भी नंबर गेम यही बता रहा है. विपक्ष में कांग्रेस इस समय सबसे बड़ी पार्टी है और उसके पास कुल 52 सांसद हैं. जबकि नेता विपक्ष के पद के लिए सदन के 10 फीसदी संख्या जरूरी होती है, इस लिहाज से नेता विपक्ष के पद के लिए 55 सीटें जरूरी होती हैं.
हालांकि, चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस पार्टी की ओर से बयान दिया गया था कि उनके पास नेता विपक्ष की संख्या नहीं है, इसलिए वह इस पद की मांग भी नहीं करेंगे.
‘कांग्रेस को ही ये पद देना चाहेंगे मोदी’
वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश ने भी इस मुद्दे पर कहा कि विपक्ष में ऐसी कोई पार्टी नहीं है जिसके पास इतने नंबर हो कि उसे विपक्ष के नेता का पद मिल सके. हमारे न्यूज चैनल आजतक पर चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस के संसदीय दल का नेता जो होगा, वही विपक्ष का नेता भी होगा. उर्मिलेश बोले कि सत्ताधारी दल चाहेगा कि विपक्ष के नेता का पद चाहेंगे कि कांग्रेस को ही मिले, क्योंकि इतने प्रचंड बहुमत के साथ बड़ा दिल दिखाना अच्छा संदेश भी देगा.
गौरतलब है कि पिछले कार्यकाल में मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के नेता सदन थे जो कि विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी होने के कारण ‘नेता विपक्ष’ की भूमिका में ही रहते थे. हालांकि, मोदी सरकार ने आधिकारिक तौर पर उन्हें ये पद नहीं दिया था जिसके लिए वह पांच साल लड़ते भी रहे.
अब एक तरफ विपक्ष के नेता को लेकर चर्चाएं तेज हो रही हैं तो वहीं दूसरी ओर अभी भी कांग्रेस का नेता सदन कौन होगा, इसका इंतजार है. पिछली बार मल्लिकार्जुन खड़गे के पास ये पद था, लेकिन अब वह खुद ही चुनाव हार गए हैं. ऐसे में कांग्रेस की ओर से ये पद कौन संभालेगा इस पर सवाल है, क्या खुद राहुल गांधी ये पद संभालेंगे इसके भी कयास तेज हैं.
बता दें कि सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले पीएम ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि प्रतिपक्ष के लोग नंबर की चिंता छोड़ दें, हमारे लिए उनकी भावना मूल्यवान है. संसद में हम पक्ष-विपक्ष को छोड़ निष्पक्ष की तरह काम करें. पीएम ने कहा कि हमें उम्मीद है कि इस बार सदन में अधिक काम होगा.