प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोरिया के दौरे के दूसरे दिन सियोल शांति पुरस्कार से नवाजा गया। मोदी ने पुरस्कार में मिली 1.30 करोड़ की रकम को नमामि गंगे प्रोजेक्ट के लिए देने का ऐलान किया। भारत और दक्षिण कोरिया ने 6 समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इससे पहले दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन ने अपने सरकारी आवास ब्लू हाउस में मोदी का औपचारिक स्वागत किया था। प्रधानमंत्री ने युद्ध में मारे गए एक लाख 65 हजार कोरियाई सैनिकों को श्रद्धांजलि भी दी। मोदी ने कहा कि अब आतंकवाद पर बात करने का वक्त नहीं है। दुनिया के इसके खिलाफ एकजुट होकर लड़ना चाहिए।
मोदी सियोल शांति पुरस्कार पाने वाले 14वें व्यक्ति हैं
यह पुरस्कार 1988 में सियोल ओलिंपिक के सफल आयोजन के बाद शुरू किया गया था। मोदी ये पुरस्कार से नवाजे जाने वाले 14वें व्यक्ति हैं और पिछले बार ये संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान को दिया गया था। उससे पहले जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल जैसी हस्तियां और डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स और ऑक्सफैम जैसे प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय राहत संगठन शामिल हैं।
क्यों हुए मोदी सियोल शांति पुरस्कार’ से सम्मानित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सियोल पुरस्कार समिति ने भारतीय और वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास में उनके योगदान को मान्यता देते हुए और अमीर और गरीब के बीच सामाजिक और आर्थिक विषमता को कम करने के लिए उनकी विशिष्ट आर्थिक नीतियां‘मोदीनॉमिक्स’को श्रेय देते और भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि, विश्व शांति, मानव विकास में सुधार और भारत में लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए उनके योगदान को देखते हुए सियोल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।