दस संभागों में तलाश-ए-जौहर कार्यक्रम की शुरुआत
AAM SABHA, भोपाल।
मध्यप्रदेश उर्दू अकादमी नित नए आयाम स्थापित करते हुए देश एवं प्रदेश के युवा रचनाकारों एवं शायरों को जोडऩे की कोशिश कर रहा है। अकादमी द्वारा प्रदेश के दस सम्भागों में तलाश-ए-जौहर (प्रतिभा खोज) का नया कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। इसके अंतर्गत उर्दू के नए साहित्यकारों और रचनाकारों की खोज की जाएगी और उन्हें विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से प्रोत्साहन दिया जाएगा।
जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश उर्दू अकादमी ने कुछ नए कार्यक्रम शुरू किए हैं। इनमें प्रतिभा खोज एवं नए रचनाकारों की रचनाओं का प्रकाशन प्रमुख है। उर्दू भाषा सिखाने की कक्षाओं में भी वृद्धि की जा रही है। अकादमी द्वारा प्रदेश भर में विभिन्न गतिविधियां शुरू की गई हैं, उससे नए साहित्यकार और युवा जुड़ रहे हैं। अकादमी के माध्यम से चलाई जा रही कक्षाओं में अन्य भाषी लोगों की उर्दू सीखने की रुचि लगातार बढ़ रही है। इसी के चलते प्रदेश की उर्दू अकादमी को देश की नम्बर एक अकादमी का खिताब भी हासिल हो चुका है। उर्दू अकादमी के आयोजनों में देश, प्रदेश एवं स्थानीय साहित्यकारों एवं शायरों का प्रतिनिधित्व होता है। देश की दूसरी अकादमी मध्यप्रदेश उर्दू अकादमी की तरह आयोजन करने की कोशिश कर रही हैं। ख्यातलब्ध साहित्यकारों एवं रचनाकारों की हिस्सेदारी के चलते राज्य उर्दू अकादमी का स्तर लगातर बढता जा रहा है और लोग जुड़ भी रहे हैं। प्रदेश के ज्यादातर शहरों में अकादमी द्वारा आयोजन किये जाते हैं जहां पर उर्दू का चलन है। पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश के ग्रामीण अंचलों तक उर्दू अकादमी अपने आयोजनों के माध्यम से पहुँची है। संभागीय स्तर पर उर्दू शायरी और लेखन के नये टैलेंट को निकालने का काम किया जा रहा है जो पहले कभी नहीं हुआ। यही नहीं, अकादमी द्वारा प्रदेश के वरिष्ठ साहित्यकारों की दुर्लभ कृतियों के प्रकाशन का कार्य भी किया जा रहा है। इसके अलावा अकादमी द्वारा प्रदेशभर में प्रवीण्य सूची 10वीं एवं 12वीं में आये छात्रा-छात्राओं को प्रोत्साहन पुरस्कार भी किया जा रहा है। अकादमी के प्रत्येक आयोजन में श्रोताओं की की काफी संख्या में बढ़ोत्तरी होना अकादमी की गुणवत्ता दर्शाता है। देश में स्थित प्रदेश की अकादमी का पुस्तकालय वर्तमान में डिजिटल हो चुका है। अकादमी द्वारा अनुवाद प्रकोष्ठ की भी स्थापना की जा चुकी है। अकादमी द्वारा दो वर्षों से आयोजित जश्न-ए-उर्दू का कार्यक्रम प्रदेश ही नहीं देशभर में भी नाम कमा चुका है। अकादमी द्वारा प्रदेश के दिवंगत साहित्यकारों/शायरों के नाम से भी पुरस्कार स्थापित किए गए हैं, इन पुरस्कारों की संख्या में पिछले तीन वर्षों में तेजी से वृद्धि हुई है।