इंदौर
इंदौर के कुटुंब न्यायालय ने एक अहम फैसले में करोड़ों की संपत्ति की मालिक एक महिला डॉक्टर का अंतरिम भरण-पोषण का आवेदन खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि पति के समान डिग्रीधारी और उच्च शिक्षित पत्नी को भरण-पोषण दिलाना आवश्यक नहीं है. तलाकशुदा पति-पत्नी दोनों ही उच्च शिक्षित हैं और डॉक्टरी के पेशे से जुड़े हैं.
इंदौर निवासी महिला डॉक्टर ने अपने केरल के निवासी पति के खिलाफ भरण-पोषण की राशि की मांग करते हुए आवेदन प्रस्तुत किया था. डॉ पति की ओर से अधिवक्ता योगेश गुप्ता ने पैरवी करते हुए दस्तावेज प्रस्तुत किए.
वकील ने अदालत को बताया कि डॉक्टर ने पत्नी के साथ सुखी जीवन व्यतीत किया और उन्हें 36 लाख रुपए कीमत का एक क्लिनिक भी बनाकर दिया.
डॉक्टर पत्नी के आयकर दस्तावेज भी कोर्ट में पेश किए गए, जिनके अनुसार वह सालाना 8 लाख रुपए से अधिक की आय अर्जित करती हैं, यानी उनकी मासिक आय लगभग 71 हजार 250 रुपए है.
इसके बाद जज ने अपने आदेश में उल्लेख किया कि उच्च शिक्षित और पति के समान व्यावसायिक डिग्रीधारी पत्नी को भरण-पोषण राशि दिलाना आवश्यक नहीं है. कोर्ट ने कहा कि इस प्रकरण में आवेदिका स्वयं अपने पति की तरह डिग्रीधारी हैं.
डॉक्टर पति की ओर से अधिवक्ता योगेश गुप्ता ने कोर्ट को यह भी बताया कि महिला डॉक्टर स्वयं BDS और MDS डॉक्टर हैं. वह अपने चिकित्सकीय व्यवसाय से वर्तमान में प्रतिमाह लाखों रुपए की आय अर्जित करती हैं और उनके पास इंदौर शहर में करोड़ों की संपत्ति भी है. आवेदन की जांच के बाद कोर्ट ने भरण-पोषण का आवेदन निरस्त कर दिया.
 Dainik Aam Sabha
Dainik Aam Sabha 
				 
						
					 
						
					