‘नेशनल यूथ डे’ को ‘युवा दिवस’ के नाम से भी जाना जाता है। सन् 1985 से हर 12 जनवरी को मनाया जाने वाला यह दिवस, भारत के सबसे महान सामाजिक सुधारक, विचारक और दार्शनिक, स्वामी विवेकानंद के जन्मदिवस के कारण खास है। इस साल की थीम, ‘देश के निर्माण के लिये युवा शक्ति को दिशा देना’ के बारे में एण्डटीवी के युवा कलाकारों, ‘येशु’ के हेरोड एंटिपस (रूद्र सोनी), ‘गुड़िया हमारी सभी पे भारी की गुड़िया (सारिका बहरोलिया) और ‘हप्पू की उलटन पलटन’ की कैट (आशना किशोर) ने अपने विचार व्यक्त किये।
रूद्र सोनी कहते हैं, ‘‘युवा देश के भविष्य हैं और एक भारतीय युवा होने के नाते, मुझे खुद पर इस बात के लिये गर्व है कि मैं सिर्फ अपनी तरक्की के लिये नहीं लेकिन बल्कि अपने आस-पास दूसरे लोगों की भी जिम्मेदारी महसूस करता हूं। जैसा कि एक बार स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था शक्ति आपके अंदर निहित है, मैं अपने काम के माध्यम से बड़ा बदलाव लाने की दिशा में काम करने की कोशिश कर रहा हूं। मैं इस उम्मीद में ऐसा कर रहा हूं कि एक ना एक दिन आगे आने वाले कलाकार मुझे आदर्श के तौर पर देखेंगे जैसा कि मैं अपने सीनियर्स को मानता हूं।’’ आगे अपनी बात रखते हुए, आशना किशोर कहती हैं, ‘‘मैं देश के युवाओं को ‘युवा दिवस’ की शुभकामनाएं देना चाहूंगी।
मुझे उम्मीद है आज के युवा, अपने चुने हुए क्षेत्र में ऊंचाइयों पर पहुंचेंगे और देश का नाम रोशन करेंगे। इस ‘युवा दिवस’ पर मैं स्वामी जी की एक सीख का उदाहरण देना चाहूंगी, ‘खुद को कभी कम मत आंको’। इस बात को ध्यान में रखते हुए इस साल मैं अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलने की कोशिश करूंगी और ऐसा काम करूंगी, जिसके बारे में मुझे ज्यादा पता ना हो और वह भी बिना किसी संकोच के।’’ अपने विचार पेश करते हुए, सारिका बहरोलिया कहती हैं, ‘‘युवा दिवस’ मनाने का उद्देश्य युवाओं को स्वामी जी के जीवन, उनके बलिदानों के बारे में बताना है। साथ ही किस तरह हम भी खुद में बेहतर बदलाव ला सकते हैं उसे सिखाना है। भविष्य के निर्माण में युवा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और खुद एक युवा होने के नाते, मैं अपने काम और व्यवहार से देश का मान बढ़ाना चाहती हूं। युवा दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!’’