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जैन महिला सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं महिला एवं बाल विकास मंत्री

आम सभा ब्यूरो, ग्वालियर ।

आज महिला सशक्तिकरण का युग है। महिलाएं प्रत्येक क्षेत्र में अच्छा काम कर रही हैं। चाहे घर हो या घर से बाहर निकलकर किसी जिम्मेदारी का निर्वहन करना हो, महिलाएं पूरी लगन से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करती हैं। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिये सरकार द्वारा भी कई प्रयास किए जा रहे हैं। यदि आगे बढ़ना है तो कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा। किसी के द्वारा की गई आलोचना पर ध्यान दिए बिना आगे बढ़ना चाहिए और महिलाओं के विकास के लिये कदम उठाना चाहिए। तभी महिलाएं सशक्त होंगीं और देश सशक्त होगा। यह बात अपने संबोधन में प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती इमरती देवी ने कही। वे जैन महिला सम्मेलन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहीं थीं।

रविवार को वीर जैन छात्रावास में आयोजित जैन महिला सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती इमरती देवी ने कहा कि जैन समाज में महिलाएं अधिक जागरूक हैं। कई क्षेत्रों में आगे बढ़कर काम कर रहीं हैं। परंतु इसकी तुलना में ग्रामीण एवं सुदूर क्षेत्रों में निवास करने वाली महिलाएं उतनी अधिक जागरूक नहीं हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग का दायित्व होने के नाते उनका यह प्रयास रहेगा कि महिलाओं के उत्थान के लिये उत्कृष्ट कार्य किया जाए।

श्रीमती इमरती देवी ने कहा कि महिला सशक्तिकरण को साकार करने के लिये सबसे जरूरी यह है कि महिलायें ही महिलाओं का सहयोग करें। भ्रूण हत्या जैसे अपराध को रोकें। बेटियों को शिक्षित बनाएं। उन्हें आगे बढ़ने के लिये प्रोत्साहित एवं पूरा सहयोग करें। उन्होंने कहा आज विभिन्न क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण पदों पर महिलायें अच्छा काम करके देश का नाम रोशन कर रही हैं। इस अवसर पर उन्होंने झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई, देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल और पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गाँधी का उदाहरण देते हुए कहा कि महिलायें किसी भी क्षेत्र में पुरूषों से कम नहीं हैं।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि पूर्व महापौर श्रीमती समीक्षा गुप्ता ने कहा कि महिलायें प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। यदि पूरा सहयोग किया जाए तो महिलाऐं किसी भी लक्ष्य को पा सकती हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं का समर्पण उन्हें विशिष्ट बनाता है। इसलिये महिलाओं का सम्मान होना चाहिए और आगे बढ़ने के लिये प्रोत्साहन मिलना चाहिए। कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी गईं। जिसमें महिलाओं ने गरबा प्रस्तुत किया। वहीं बालिकाओं ने बेटी बचाओ की थीम पर अपनी प्रस्तुति दी।

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