नई दिल्ली:
राज्यसभा में चर्चा के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने न सिर्फ कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा, बल्कि गालिब का एक शेर पढ़ा. पीएम मोदी ने कहा, ” ‘सबका साथ और सबका विकास’ इस मंत्र को लेकर के हम चले थे, लेकिन 5 साल के अखंड एक निष्ठ पुरुषार्थ ने जनता जनार्दन ने इसमें एक अमृत भर दिया. वह अमृत है सबका विश्वास. सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास यह अमृत 5 साल के हमारे कार्यकलाप से देश की जनता ने अमृतरूपी ने जोड़ा है, लेकिन हमारे आजाद साहब को धुंधला नजर आ रहा है.”
मॉब लिंचिंग पर राज्यसभा में बोले PM मोदी- युवक की मौत का का दुख हमें भी है, लेकिन समूचे झारखंड को कठघरे में खड़ा करना सही नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा, “मुझे लगता है, आज़ाद साहब (कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद) को धुंधला दिखाई देता है, शायद वह राजनैतिक चश्मे से सब कुछ देखते हैं… ग़ालिब ने ऐसी शख्सियतों के लिए कुछ कहा था, ‘ताउम्र ग़ालिब ये भूल करता रहा, धूल चेहरे पे थी, आईना साफ करता रहा…’ “
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बता दें, प्रधानमंत्री मोदी ने टिकट से वंचित रहे विपक्षी नेताओं पर कटाक्ष करते हुए भी कहा ‘‘कुछ लोग वह भी थे जिन्हें मैदान में जाने का मौका नहीं मिला. वह गुस्सा जो वहां निकलना था, वह यहां निकाला गया.” राजग को पूर्ण बहुमत मिलने का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा ‘‘कई साल बाद दोबारा बहुमत सरकार बनना.. इससे मतदाताओं की परिपक्वता की सुगंध आती है. 2019 का चुनाव दलों से परे देश की जनता लड़ रही थी. जनता सरकार के कामों की बात लोगों तक पहुंचा रही थी. चुनाव का एक वैश्विक मूल्य होता है.”
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का राज्यसभा में जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड में मॉब लिंचिंग की घटना का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि ‘मॉब लिंचिंग में युवक की मौत बेहद दुःखदायी है, लेकिन इसके लिए समूचे झारखंड को कठघरे में खड़ा करना सही नहीं.’ साथ ही उन्होंने कि कहा कि हर हिंसा पर हमारा एक मानदंड हो. सबकी सुरक्षी की गारंटी हमारा दायित्व है. पीएम मोदी ने कहा, ‘झारखंड में लिंचिंग की घटना से मुझे दुख हुआ. इससे दूसरों को भी दुख पहुंचा होगा. लेकिन कुछ लोगों ने राज्यसभा में झारखंड को लिंचिंग का हब कहा था. क्या यह सही है? वे एक प्रदेश का अपमान क्यों कर रहे हैं. एक मॉब लिंचिंग की घटना के बाद पूरे झारखंड को बदनाम करने का अधिकार हमारे पास नहीं है. दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए.’