आम सभा, शशांक बरनवाल, भोपाल : भोपाल के भारत भवन में आयोजित पांच दिवसीय (16-20 नवंबर) चित्रकृतियों की समूह प्रदर्शनी में हैदराबाद में जन्मी और महाराष्ट्र में बड़ी हुई आर्टिस्ट नीरजा दिवाटे से साक्षात्कार के दौरान पेंटिग्स में कैरियर, उनकी पेंटिग्स में रुचि और उपलब्धियों को लेकर चर्चा की गई, जिसमे उन्होंने पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहां।
आप में पेंटिग्स करने की रुचि कैसे जगी?
बचपन में 2nd स्टैंडर्ड से ही मुझे पेंटिग्स बनाना अच्छा लगता था। स्कूल में नोटिस बोर्ड पर कुछ बनाने के टीचर्स द्वारा मुझे प्रोत्साहित किया जाता था। मैं पढ़ाई के साथ–साथ हर रविवार को पेंटिग्स की क्लास लेती थी। लेकिन पेंटिग्स को लेकर मेरा ज्यादा ध्यान तब गया जब मैं शादी करके दिल्ली आई। वहां मैं CA (Charted Accountant) की पढ़ाई के साथ–साथ ‘त्रिवेणी’ से जुड़ी। जहां भारत के मशहूर आर्टिस्ट, विश्व में पहचान बनाने वाले और दिल्ली के स्कूल ऑफ़ आर्ट्स से निकले रामेश्वर ब्रूटा के गाइडेंस में एक आर्टिस्ट की नजर में दुनिया को अलग तरीके से देखने का मौका मिला।
आपका पेंटिग्स बनाने क्या लॉजिक होता है और अपने दर्शकों को पेंटिग्स के माध्यम से क्या मैसेज देना चाहती है?
मेरे द्वारा बनाई गई पेंटिग्स का लॉजिक ‘बरसात की बूंदे’ है। जैसे बरसात की बूंदें अपने चारो तरफ की बूंदों को एक साथ लेकर एक ऊर्जा के साथ अपना रास्ता ढूंढने निकल जाते है उसी रास्ता और ऊर्जा को एक वाइब्रेशन के साथ मैंने अपने काम में लिया है। मेरी पेंटिंग्स अधिकतर ब्लैक एंड व्हाइट में ही रहती है या तो पूरा व्हाइट ही व्हाइट रहेगा या पूरा ब्लैक ही ब्लैक। मेरी पेंटिंग्स बनाने के पीछे सोच यह रहती है कि जो भी दर्शक मेरी पेंटिंग्स को देखे वो अपनी सोच को थोड़ी देर स्थिर कर दे और देखने के बाद वह जो भी काम करे उसमें डूब के करे।
यूथ पेंटर्स को उनके पेंटिंग्स कैरियर को लेकर क्या सलाह देंगी?
मेरी सोच में जिनके अंदर रचनात्मक शैली है वह एक हाई लेवल का इंसान है। यदि वह अपनी रचनात्मकता को नहीं बढ़ाता है तो अपने काबिलियत को कम कर रहा है। जो भी बच्चा पेंटिंग्स में अपना करियर बनाना चाहता है उसे निश्चित रूप से करना चाहिए। साथ ही साथ आर्थिक रूप से मजबूत होने के लिए पढ़ाई भी करनी चाहिए। लेकिन क्रिएटिविटी में जरूर काम करना चाहिए। मेरा बच्चा अभी 9th स्टैंडर्ड में है वो भी पेंटिंग करता है और मैं उसे बहुत प्रोत्साहित करती हूं।
पेंटिग्स कैरियर में आपकी क्या–क्या उपलब्धियां रही हैं?
मुझे अभी तक aifacs अवॉर्ड, दो साल के लिए कल्चरल सेंटर ऑफ इंडिया से फेलोशिप भी मिला है। पिछले साल ऑरोविल आर्ट कैंप भी किया है। विमेंस डे के दिन नेशनल आर्ट गैलरी में मेरा चयन हुआ था। मुझे और भी कई उपलब्धियां पेंटिंग्स के माध्यम से मिली है।