ओबरा परियोजना के B थर्मल पावर स्टेशन (बीटीपीएस) के केबिल गैलरी में रविवार की तड़के भीषण आग लग गई। इस हादसे के कारण परियोजना की 9,10 और 11 वीं इकाई बंद हो गई। सुबह सवा दस बजे खबर लिखे जाने तक आग बुझाने के प्रयास जारी थे। मौके पर आला अधिकारी भी पहुंचे हुए हैं।
परियोजना के सूत्रों के अनुसार तड़के चार बजे के आसपास जमीन से चार मीटर अन्दर बने केबिल गैलरी में शार्ट सर्किट के कारण आग लगी, जो देखते ही देखते विकराल रूप से फ़ैल गई। आग लगते ही परियोजना में हड़कंप मच गया। फ़ौरन मौके पर सीआईएसएफ की फायर विङ्ग सहित चोपन और डाला से फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुँच कर आग बुझाने में जुट गई। डीएम अमित कुमार सिंह और एसपी किरीट राठौड़ सहित परियोजना के आला अधिकारी भी मौके पर पहुँच गए। परियोजना स्थल को सील कर दिया गया है। आग वाले स्थान के आसपास से भी किसी को आने-जाने नहीं दिया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि कुछ स्थानों पर आग पर काबू पा लिया गया है। लेकिन, जमीन के भीतर केबिल गैलरी में लगी आग को बुझाने में काफी दिक्कत आ रही है। आग से केबिलों के जलने से निकल रही जहरीली गैस भी राहत कार्य में बाधक बन रही है।
पहले भी लग चुकी है आग
ओबरा परियोजना के बीटीपीएस की केबिल गैलरी में पहले भी आग लग चुकी है। सूत्रों के अनुसार वर्ष 1984-85 में भी केबिल गैलरी में भीषण आग लगी थी। उस दौरान आग से परियोजना की 9, 10 और 11वीं इकाई पूरी तरह से जल कर ख़ाक हो गई थी। आग लगने के कारणों की जांच के लिए कमेटी भी गठित हुई। लेकिन, परीणाम नहीं निकला।
करोड़ों का होगा नुकसान
ओबरा परियोजना में जहां आग लगी है, उससे परियोजना को करोड़ों रूपये का नुकसान होगा। सूत्र कहते हैं कि आग पूरी तरह बुझने के बाद भी बंद हुई इकाइयों को शुरू करने में भी काफी समय लग सकता है।
जल्द पूरी तरह बुझा ली जायेगी आग: डीएम
डीएम अमित कुमार सिंह का कहना है कि काफी हद तक आग पर काबू पा लिया गया है। केबिल में लगी आग को बुझाने का प्रयास जारी है। जिले भर से फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर लगी हैं। आग किन कारणों से लगी है, इसका सिर्फ कयास ही लगाया जा रहा है। क्योंकि अभी अन्दर जाना सम्भव नहीं है। आग से 9, 10 और 11वीं इकाइयां बंद हैं।