Sunday , June 8 2025
ताज़ा खबर
होम / देश / सत्य और साहस जीवन की नाव के दो पतवार, इनका साथ ना छोड़े

सत्य और साहस जीवन की नाव के दो पतवार, इनका साथ ना छोड़े

* संयम के साथ सच का साथ दीजिए

यह कहावत एकदम सत्य है कि सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहींl यदि सत्य सच्चाई नहीं होती तो मानव जीवन नहीं होता क्योंकि पहाड़, झरना, नदिया जंगल और प्रकृति द्वारा दिए गए प्रतिशत के रूप में मानव सहित सांसारिक जीव जंतु प्राकृतिक सत्य की उत्पत्ति हैl और यह भी सत्य है कि मनुष्य अपने लालच,स्पृहा, कामना, कपट के चलते असत्यता झूठ और फरेब का सहारा और वैशाखी लेकर त्वरित लाभ के लिए जीवन के भाव सागर में कूद पड़ता है परंतु सत्य ही अंतिम सत्य है
परंतु आज की परिस्थितियों में सच्चाई जीवन के हर पहलू से परे होती जा रही है। आज हम स्वयं दिग्भ्रमित हैं तो आने वाली पीढ़ी को हम क्या नैतिक, संस्कारिक और सांस्कृतिक विरासत दे पाएंगे।
आज के इस उत्तर आधुनिक समाज में जहां उपभोक्तावादी संस्कृति की प्रधानता के परिपेक्ष में भौतिक साधनों एवं सुखों के लक्ष्य की प्राप्ति की एकमात्र उपाय रह गई वहां भौतिकवाद तथा शारीरिक सुख की प्राप्ति का प्रचलन पूरे समाज में फैल गया है ।इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए झूठ फरेब एवं षड्यंत्र ने अपना जाल बुन रखा है। प्राचीन काल से हम आध्यात्मिक, संस्कारिक,सांस्कृतिक रूप से बढ़ रहे थे पर विकास की अवधारणा ने एक नया स्वरूप ले लिया है इन परिस्थितियों में समाज के सदस्यों ने झूठ और फरेब का सहारा लेना शुरू कर दिया हैl भौतिकवाद सिर चढ़कर बोलने लगा हैl व्यक्तिगत एवं सामाजिक आत्मीय संबंधों के मूल्य का तेजी से क्षरण होने लगा हैl समाज के मूलभूत सिद्धांत तथा मूल्य गायब हो गए हैं। सामाजिक मूल्यों के खत्म होने की प्रक्रिया में सत्य बोलना कि एक मात्र साधन शेष रह गया है, किंतु वर्तमान समय में सच बोलना एक कठिन तप और तपस्या की तरह ही है। महात्मा गांधी के जीवन में भी उनके अध्यात्मिक दर्शन में सत्य अहिंसा मूल अवधारणा रही है उन्होंने इस सत्य को पहचाना और यह आशा प्रकट की कि यदि व्यक्तियों में सत्य के प्रति आस्था पैदा हो जाए तो सामाजिक नैतिकता का स्वर् स्वयं उच्च स्तर को प्राप्त कर सकता है और सही मायने में सत्य ही मनुष्य के आचरण की ऊंचाई मानी जाती है। सत्य और अहिंसा पर चलने के लिए संयम, मनोबल, आत्मशक्ति और ऊर्जा ही एक बड़ा विकल्प है । सत्य और अहिंसा स्वाभिमान के प्रतीक है सत्य बोलने वाला मनुष्य स्वाभिमानी होता है दूसरी तरफ असत्य आत्मग्लानि का द्योतक है। कबीर दास जी ने भी सत्य को ईश्वर मानकर कई दोहों की रचना की है।
नकारात्मक व्यवहार सामाजिक स्तर पर किया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण दुर्गुण है क्योंकि इसका प्रभाव पूरे समाज एवं देश पर गंभीर परिणाम देने लगता है। झूठ बोलना और सच को नेपथ्य में धकेलना एक सबसे बड़ी सामाजिक बुराई के रूप में सामने आई है। इसीलिए सामाजिक रूप से झूठ को सबसे बड़ा पाप कहा गया है पाप इस अर्थ में कहा गया है कि यह हमें दिग्भ्रमित करके वंचित कर्तव्य एवं रोजमर्रा के आत्मीय व्यवहार से वंचित रखता है और असत्य कथन को समस्त बुराइयों अपराधों की जननी माना जाता है। हम भौतिकवादी मानसिकता से इतने अधिक ग्रसित हो गए हैं की पारिवारिक सदस्यों के बीच हमारे आत्मीय संबंध लुप्त प्राय होते जा रहे हैं और ऐसे बनावटी परिवेश में व्यक्ति तथा समाज अपनी भौतिक मानसिक विलासिता तथा सफलता के दायरे में सिमट कर रह गया है। इसकी प्राप्ति के लिए व्यक्ति अत्यंत उन्मुक्त निसंकोच तरीके से असत्य का सहारा लेने से भी नहीं चूक रहा है। भौतिक सुख साधनों की लालसा में मनुष्य में साधनों की सत्यता तथा शुद्धता फिर भी गहरा समझौता कर समाज में असामाजिक व्यवहार को अपना लिया है जिसके दूरगामी परिणाम भारतीय समाज के लिए अच्छे संकेत नहीं है। आज मनुष्य नैतिकता एवं अनैतिकता की बारीक लकीर हो पहचानने से काफी दूर हो गया है तथा भौतिक विकास के लिए किसी भी साधन को अपनाने से नहीं परहेज करता है। मानव बुद्धि विवेक संपन्न होने के कारण भौतिक सुख सुविधाओं को प्राप्त करने के लिए हर तरह के उपायों को नए-नए हथकंडे के रूप है उपयोग करने लगा है जिससे समाज मे विसंगतियां पैदा होकर आत्मीय संबंधों की बलि चढ़ गई है। आदिकाल से ऐतिहासिक तौर पर भी मानव की सच्चरित्रता पर सवालिया निशान खड़े होते रहे हैं। समाज ने आपसी संबंधों को संचालित करने के लिए कुछ आदर्श मापदंड का प्रावधान भी रखा है जिनमें सबसे महत्वपूर्ण सावधान सत्य बोलने का है किंतु मनुष्य अपने सुख साधन बटोरने के लिए सदैव सत्य से परहेज करने लगा जिससे मनुष्य नैतिकता से काफी दूर हो गया एवं सामाजिक मान्यताओं को छिन्न-भिन्न करता आया है। आज भौतिक साधन संपन्नता समाज में सर्वोच्च शिखर पर है और समाजिक व्यक्तिगत आत्मीय संवेदनशील संबंध ताक पर रख दिए गए हैं। नैतिकता सिद्धांतों की परिपाटी नष्ट प्राय होती जा रही है। ऐसे में एक आदर्श समाज की कल्पना बेमानी हो गई है। आज हमें सामाजिक मूल्यों को बचाने आत्मीय संबंधों की रक्षा करने के लिए सत्य तब और संयम का सहारा लेने की आवश्यकता होगी अन्यथा भारतीय समाज को पश्चिमी समाज के रूप में यहां संवेदनशीलता आत्मीयता और मानवीय संबंधों की गरिमा खत्म होने के कगार पर है अपनाने में ज्यादा समय नहीं लगेगा एवं भारतीय मूल्य संस्कार संस्कृति धीरे धीरे सनातनी समाज से दूर होते जाएंगे और हम हाथ में हाथ धरे देखते रह जाएंगे। आज नैतिकता केवल दूसरों के लिए उपदेश देने की वस्तु बन कर रह गई है। मनुष्य सामाजिक व्यवस्था का स्वयं निर्माता है किंतु नैसर्गिक रूप से लोभी,आलसी, तथा संग्रहण की प्रवृत्ति वाला हो चुका है ऐसे में कम परिश्रम में ज्यादा लाभ प्राप्त करने के लिए असत्य फरेब एवं जालसाजी का ही सहारा लेकर अनैतिकता का परचम फैलाने में लगा हुआ है। यह भारतीय परिवेश के लिए कतई शुभ संकेत नहीं है।

*-संजीव ठाकुर
रायपुर छत्तीसगढ़,
मो- 9009415415,

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Enable Google Transliteration.(To type in English, press Ctrl+g)

Slot Gacor Malam Ini Slot Gacor 2025 slot gacor slot dana https://pariwisata.sultraprov.go.id/ Slot777 slot thailand slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor info kabar slot gacor slot gacor slot gacor Slot Gacor Slot Gacor https://edu.pubmedia.id/ https://stikesrshusada.ac.id/ https://ijsl.pubmedia.id/ Situs Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor info kabar Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor slot gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://dakukeren.balangankab.go.id/ slot gacor slot gacor https://elearning.unka.ac.id/ https://jurnal.unka.ac.id/bo/ https://jurnal.unka.ac.id/rep/ slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot mahjong slot gacor pohon169 pohon169 slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://jurnal.unka.ac.id/ https://unisbajambi.ac.id/ https://sia.unisbajambi.ac.id/ https://sipp.pn-garut.go.id/ https://fatecjahu.edu.br/ https://poltekkesbengkulu.ac.id/ https://journal.unublitar.ac.id/ https://poltekkes-pontianak.ac.id/ https://conference.upgris.ac.id/ https://kabar.tulungagung.go.id/wop/ Slot Gacor 2025 Slot Gacor Hari Ini slot gacor slot gacor slot gacor
  • toto hk
  • togel hongkong
  • toto hk
  • pg77
  • situs pg77
  • pg77 login