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छुईखदान में जन्मे तिगुने खुशियों के फूल: डॉक्टरों ने सफल नॉर्मल डिलीवरी कराई, मां-बच्चे स्वस्थ

छुईखदान में जन्मे तिगुने खुशियों के फूल: डॉक्टरों ने सफल नॉर्मल डिलीवरी कराई, मां-बच्चे स्वस्थ

गांव में खुशी की लहर: छुईखदान में एक मां ने जन्म दिए तीन स्वस्थ पुत्र, डॉक्टरों की टीम ने संभाला काम

तीन नन्हे फरिश्तों का स्वागत: छुईखदान में सफल नॉर्मल डिलीवरी, मां और शिशु पूरी तरह स्वस्थ

खैरागढ़
छत्तीसगढ़ के खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के छुईखदान ब्लॉक अंतर्गत ग्राम बीरुटोला में उस वक्त खुशी की लहर दौड़ गई जब गांव की बहू जमुना यादव (27 वर्ष) ने एक साथ तीन पुत्रों को जन्म दिया। यह अनोखी घटना 27 अक्टूबर की सुबह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) छुईखदान में हुई, जहां डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की टीम ने बड़ी कुशलता से सफल नॉर्मल डिलीवरी करवाई। तीनों नवजात शिशु और मां पूरी तरह स्वस्थ हैं।

गांव और आसपास के इलाकों में यह खबर फैलते ही खुशियों का माहौल बन गया। ग्रामीणों ने इसे ईश्वर की कृपा और चमत्कार बताया और कहा कि यह परिवार अब ‘ब्रह्मा, विष्णु और महेश’ के स्वरूप से धन्य हो गया है।

गर्भावस्था से लेकर प्रसव तक रहा विशेष ध्यान

सीएचसी के बीएमओ डॉ. मनीष बघेल ने बताया कि जमुना यादव की गर्भावस्था की शुरुआत से ही नियमित निगरानी की जा रही थी। गर्भधारण के लगभग तीन महीने बाद सोनोग्राफी में पता चला कि उनके गर्भ में तीन शिशु पल रहे हैं। यह जानकारी सामने आने के बाद चिकित्सा दल ने महिला को विशेष देखरेख में रखा।

नियमित स्वास्थ्य जांच, पोषण परामर्श और फॉलो-अप जांच के माध्यम से पूरे नौ महीनों तक डॉक्टरों की टीम ने जमुना यादव के स्वास्थ्य पर लगातार नज़र रखी।

सर्जन नहीं, फिर भी टीम ने किया कमाल

27 अक्टूबर की सुबह जब जमुना यादव को प्रसव पीड़ा हुई, तो अस्पताल की टीम पूर्ण तैयारी के साथ मौजूद थी। दिलचस्प बात यह रही कि उस दिन अस्पताल में कोई सर्जन उपलब्ध नहीं था, इसके बावजूद डॉक्टरों ने नॉर्मल डिलीवरी कराने का निर्णय लिया।

करीब 6 घंटे की मेहनत और टीमवर्क के बाद चिकित्सा दल ने तीनों बच्चों का सुरक्षित जन्म कराया। डॉ. बघेल ने बताया,

यह हमारे केंद्र के इतिहास में दूसरा मौका है जब एक महिला ने एक साथ तीन बच्चों को जन्म दिया है। इससे पहले 2024 में भी ऐसी ही खुशी मिली थी। यह हमारे लिए गर्व और अनुभव दोनों की बात है।”

बच्चे स्वस्थ, वजन सामान्य

डॉ. बघेल ने बताया कि तीनों नवजात पूरी तरह स्वस्थ हैं और उनका वजन सामान्य सीमा में है। बच्चों को फिलहाल अस्पताल में विशेष निगरानी में रखा गया है, ताकि जन्म के शुरुआती दिनों में कोई स्वास्थ्य जटिलता न हो। मां जमुना यादव की देखभाल भी पूरे ध्यान से की जा रही है। उन्हें पोषणयुक्त आहार, विश्राम व्यवस्था और आवश्यक चिकित्सकीय सहायता दी जा रही है।

 परिवार और गांव में उमंग का माहौल

जमुना यादव ने प्रसव के बाद मुस्कुराते हुए कहा,

मैं और मेरे तीनों बच्चे बिल्कुल स्वस्थ हैं। डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ ने मेरी बहुत मदद की। मैं उनके आभारी हूं।”

गांव में इस अद्भुत घटना की चर्चा हर ओर है। लोग अस्पताल पहुंचकर बच्चों और मां को देखने, आशीर्वाद देने और परिवार को बधाई देने आ रहे हैं। कुछ ग्रामीणों ने तीनों बच्चों को “त्रिदेव के अवतार” कहा और उनके नामकरण के लिए उत्सुकता जताई।

 ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र की बड़ी उपलब्धि

छुईखदान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की इस सफल नॉर्मल डिलीवरी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि समर्पित डॉक्टरों और संसाधनों के सही उपयोग से ग्रामीण इलाकों में भी बड़ी चिकित्सा उपलब्धियां संभव हैं।

यह उपलब्धि न सिर्फ स्वास्थ्य केंद्र की क्षमता और प्रतिबद्धता को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि अगर ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं को प्रोत्साहन और समर्थन मिले, तो किसी बड़े शहर के अस्पताल से कम नहीं हैं हमारे स्थानीय डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी।