नई दिल्ली। विपक्षी सांसदों के भारी विरोध के बावजूद गुरुवार को लोकसभा में बहुप्रतीक्षित तीन तलाक बिल पास हो गया। अब सरकार की कोशिश इसे इसी सत्र में राज्यसभा में पास कराने की होगी। मौजूदा सत्र को भी बढ़ा दिया गया है जो अब 7 अगस्त तक चलेगा। वोटिंग के दौरान बिल के पक्ष में 303 वोट, जबकि विरोध में 82 मत डाले गए। संशोधनों और बिल पर वोटिंग के दौरान कांग्रेस सांसदों ने वॉक आउट किया। टीएमसी और जेडीयू ने भी वॉक आउट किया।
कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद द्वारा लाए गए मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) विधेयक 2019 पर बोलते हुए जद (यू) के सांसद राजीव रंजन सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी का मानना है कि विधेयक से समाज को चोट पहुंचेगी। सिंह ने कहा, विधेयक से समाज में अलग भावना उत्पन्न होगी, क्योंकि कोई नहीं चाहता कि पति और पत्नी के संबंधों में मतभेद पैदा हो। उन्होंने कहा है कि तीन तलाक समाजिक मुद्दा है और इसका समाधान समाज के स्तर पर ही होना चाहिए।
विधेयक में मुस्लिम पुरुष द्वारा पत्नी को तीन तलाक दिए जाने पर अंकुश लगाने की मांग की गई है और ऐसा करने की सूरत में सजा का प्रावधान है, जिसके अंतर्गत पति को तीन साल की सजा हो सकती है। यह विधेयक शादीशुदा मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करता है और एक साथ तीन तलाक दिए जाने पर प्रतिबंध लगाने का काम करता है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सार्वजनिक तौर पर इस विधेयक का विरोध कर चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी पार्टी जद-(यू) तीन तलाक विधेयक के अलावा धारा 370, यूनिफॉर्म सिविल कोर्ड और अयोध्या में राम मंदिर बनाए जाने के खिलाफ है।