नई दिल्ली।
चौटाला परिवार की ‘फिल्म’ में अभी असली ट्विस्ट बाकी है। इस फैमिली विवाद में नया मोड़ इनेलाे सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला के वापस जेल जाने के बाद आएगा। ओमप्रकाश चौटाला 18 अक्टूबर के बाद जेल लौटेंगे और संकेत हैं कि इसके बाद ही दुष्यंत चौटाला अपने राजनीतिक पत्ते खोलेंगे। हालात साफ इशारा का रहे हैं कि हरियाणा का प्रमुख विपक्षी दल इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) का अब दोफाड़ होना तय है।
दादा पार्टी सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला द्वारा इनेलो से निलंबित किए जाने के बाद हिसार से सांसद दुष्यंत चौटाला शनिवार को यहां अपने सरकारी आवास 18 जनपथ पर समर्थक से रूबरू हुए। उनके समर्थक बड़ी संख्या में यहां पहुंचे और दुष्यंत को साथ खड़े होने का भरोसा दिलाया। बता दें कि अोमप्रकाश चौटाला ने अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में दुष्यंत चौटाला और उनके भाई दिग्विजय चौटाला को इनेलो से निलंबित कर दिया था। उनकाे कारण बताओ नोटिस जारी कर सात दिन में जवाब देने को कहा गया है।
इसके बाद दिग्विजय ने तो कार्रवाई पर सवाल उठाए थे, लेकिन दुष्यंत अब तक चुप्पी साधे हुए थे। शनिवार को दुष्यंत चौटाला के नई दिल्ली स्थित आवास पर उनके समर्थक उमड़ पड़े और इसके बाद इनेलो सांसद ने खुलकर अपर बात रखी। दुष्यंत ने इशारों-इशारों में अपने अागे के रुख के बारे में भी संकेत दिए।
यहां पहुंचे समर्थक चाहते थे कि दुष्यंत और दिग्विजय चौटाला पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी बुलाएं और वहां उनके निलंबन पर चर्चा हो। दुष्यंत चौटाला ने अपने समर्थकों का गुस्सा शांत करने के लिए पहले तो यह कहा कि वह पार्टी सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला के हर निर्णय को मानेंगे, लेकिन साथ ही यह भी जोड़ा यह पार्टी चौधरी देवीलाल के आदर्शों पर चलने वाली है। इसको उनके दादा ओमप्रकाश व पिता डा. अजय सिंह चौटाला ने खड़ा किया है।
इस पर भी जब समर्थक नहीं माने तो आखिर दुष्यंत को कहना पड़ा 18 अक्टूबर के बाद कोई बड़ा निर्णय लेंगे। असल में पार्टी सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला 18 अक्टूबर तक जेल से बाहर आए हुए हैं। माना जा रहा है कि जब ओमप्रकाश चौटाला जेल वापस जाएंगे तो दुष्यंत चाैटाला अपने राजनीतिक कार्ड खोलेंगे। आेमप्रकाश चौटाला के जेल में लौटने के बाद उनके पुत्र डॉ. अजय सिंह चौटाला पैरोल बाहर आएंगे। पहले अजय को 2 नवंबर से बाहर आना था मगर अब सूत्र बता रहे हैं कि अजय सिंह 19 या 20 अक्टूबर को ही आ जाएंगे।
दुष्यंत ने इसी कारण अपने समर्थकों को 18 अक्टूबर तक का समय दिया है। इससे साफ है कि दुष्यंत समर्थक अभय सिंह चौटाला के नेतृत्व में काम करने को तैयार नहीं हैं और पार्टी सुप्रीमो ने यदि दुष्यंत-दिग्विजय समर्थकों की अनदेखी की गई तो वे नई राजनीतिक राह पकड़ने से भी गुरेज नहीं करेंगे। यह भ्सी संकेत हैं कि दुष्यंत-दिग्विजय अपने पिता के जेल से बाहर आने के बाद मौजूदा इनेलो के संगठन पर ही काबिज होने का भरसक प्रयास करेंगे।
दुष्यंत चौटाला तब 18 जनपथ पर दोपहर 12 बजे पहुंचे तो वहां मौजूद समर्थकों ने ‘सीएम आया, सीएम आया’ के नारे लगाने शुरू कर दिए। दुष्यंत समर्थकों की तरफ से युवा इनेलो के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुमित राणा ने कहा कि वह दुष्यंत चौटाला से संदेश लिए बिना वापस नहीं जाएंगे। इसके बाद दुष्यंत ने कहा- चाहे कांटे मिले या पड़ें छाले, इतनी दूरी तय कर ली है कि अब समुद्र पार करना है। दुष्यंत के इस कथन का अर्थ उपस्थित समर्थकों को समझते एक पल नहीं लगी और फिर से 18 जनपथ दुष्यंत समर्थक नारों से गूंजने लगा।
भले ही इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने अभय सिंह चौटाला को अपना राजनीतिक वारिस घोषित कर दिया लेकिन इनेलो से निलंबित सांसद दुष्यंत और उनके अनुज दिग्विजय के समर्थन में उन कार्यकर्ताओं की भी कमी नहीं है, जो पार्टी का काडर माने जाते हैं। पिछले दो दिन शुक्रवार और शनिवार नई दिल्ली में 18 जनपथ पर हरियाणा प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से पार्टी काडर के लोगों का आना हुआ।
शुक्रवार को जब दिग्विजय 18 जनपथ पर थे तो सोनीपत से आए जगबीर मलिक और बहादुरगढ़़ से आए ठेकेदार कृष्ण सिलाना, कुलदीप राठी ने साफ कहा कि अभय के साथ कोई भी समझदार कार्यकर्ता नहीं जाएगा। इन कार्यकर्ताओं का कहना था कि अभय की गरममिजाजी इस पार्टी को ले डूबेगी। इसलिए वे मृदु स्वभाव के अजय सिंह चौटाला और दुष्यंत व दिग्विजय के साथ ही रहेंगे। उनका कहना था कि दुष्यंत अौर दिग्विजय की बड़ी ताकत अभय चौटाला की गरममिजाजी है।
इनेलो में चाचा भतीजे के बीच राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई के इस बड़े खेल में पर्दे के पीछे का एक मास्टर माइंड भी है। यह मास्टर माइंड गुरुग्राम में रहता है। सूत्रों के मुताबिक यह व्यक्ति डॉ. अजय सिंह चौटाला के लिए काम करता था और उनका विश्वासपात्र रहा है। यह व्यक्ति अजय चौटाला के जेल जाने के बाद उनके पुत्र दुष्यंत व दिग्विजय के साथ जुड़ गया। अभय चौटाला सहित पार्टी सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला से लेकर पार्टी के अन्य अहम पदाधिकारी इसके महत्व के बारे में जानते हैं।
बताया जाता है कि तो चाचा-भतीजों के बीच तकरार रोकने के लिए पार्टी के कई वरिष्ठ पदाधिकारियों ने इस मास्टर माइंड से संपर्क किया था। उसका कहना है कि अब जो भी कुछ होगा खुलेआम सबके सामने होगा। बंद कमरे में कुछ नहीं होगा और होगा बहुत कुछ। इतना कि किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी।