भोपाल
जलगंगा संवर्धन अभियान में प्रदेश में अभियान के पहले माह में ही लक्ष्य से अधिक तालाबों का निर्माण हो रहा है। अधिकांश तालाबों का निर्माण हो चुका है अथवा पूर्ण होने ही वाला है। इनके माध्यम से खेतों तालाबों में वर्षा जल करोड़ों लीटर जल सहेजा जाना है। खेत तालाबों के बन जाने से किसानों को सिंचाई के लिए वर्ष भर पर्याप्त पानी उपलब्ध रहेगा, साथ ही भूजल सत्र भी सुधर जाएगा। इन तालाबों के निर्माण से ग्रामीणों को रोजगार भी मिला है। विगत सप्ताह हुई मानसून पूर्व वर्षा ने नव निर्मित और निर्माणाधीन खेत तालाबों को लबालब कर दिया है।
जल गंगा संवर्धन अभियान में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग नलजल योजना के स्रोतों की जियोटैगिंग भी किया जा रहा है। बुरहानपुर में शत प्रतिशत जियोटैगिंग के साथ ही प्रदेश भर में अधिकांश जिलों में जियोटौगिंग का काम पूर्णता की ओर अग्रसर है। अभियान समापन तक जियोटैंगिर शत प्रतिशत हो जाने की उम्मीद है। जियोटैगिंग का उपयोग जल स्रोतों, नल कनेक्शनों और अन्य संबंधित परिसंपत्तियों की सटीक जानकारी को रिकॉर्ड करने के लिए किया जाता है। इससे जल आपूर्ति के प्रबंधन में मदद मिल सकेगी। गांवों में जल चौपाल, बैठकें, जल कलश यात्रा, जल कर यात्रा, ग्राम रैली निकाल कर जन भागीदारी सुनिश्चित करवाने के प्रयास किया जा रहे है।
जल संवर्धन बना जन आंदोलन: ग्राम भुलाय में कुएँ की सफाई बनी प्रेरणास्रोत
“रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून” – जल ही जीवन है, इस मूल मंत्र को आत्मसात करते जल संरक्षण का जल गंगा संवर्धन अभियान जनभागीदारी का उत्कृष्ट उदाहरण बनकर उभरा है। गुना जिले में ‘जल-गंगा संवर्धन अभियान’ के अंतर्गत गांवों में जल संरक्षण के प्रति जागरुकता के लिये संगोष्ठियाँ, रैलियाँ, मानव श्रृंखला, दीवार लेखन, निबंध व रंगोली प्रतियोगिताएँ, पारंपरिक जल स्रोतों की सफाई आदि गतिविधियां सफलतापूर्वक की जा रही हैं। इसी कढ़ी में जिले के गांव भुलाय में स्थित श्रीराम गौशाला परिसर के ऐतिहासिक कुएँ की सफाई की गई। स्थानीयजनों ने इस काम में स्वेच्छा से श्रमदान किया। कुएँ से कचरा निकाल कर ट्रॉलियों में उसका निस्तारण किया गया। कुएं की दीवारों पर जमी काई, पौधों व झाड़ियों को हटाया गया। इससे पूर्व मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद की जिला इकाई ने बैठक आयोजित कर कार्य योजना बनाई और श्रमदान अभियान के लिए ग्रामीणों से पूर्ण समर्थन प्राप्त किया।
धूमा की प्राचीन बावड़ी में की गई साफ-सफाई
जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत सिवनी जिले के सभी विकासखंडों में उत्साह पूर्वक कार्यक्रमों का आयोजन जारी है। इन कार्यक्रमों में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिकों की सक्रिय भागीदारी से स्थानीय जल स्त्रोतों के संरक्षण एवं पुनर्जीवन के कार्य किये जा रहे हैं। इसी क्रम में विकास खंड लखनादौन के गांव धूमा में जन अभियान परिषद और नवांकुर संस्था सदस्य सदस्यों ने ग्रामवासियों के सहयोग से प्राचीन हनुमान मंदिर परिसर में स्थित प्राचीन बावड़ी में स्वच्छता के लिए श्रमदान किया गया। श्रमदान के बाद जल संरक्षण पर चौपाल और दीवार लेखन जैसे जनजागरण के कार्य किये गए।