* काटे गए पेड़ों की जांच करने पहुंची राजस्व एवं वन विभाग की टीम
(रिंटू खान)
आम सभा, पांढुरना (सौसर)।
सरकार एक ओर ‘एक पेड़ मां के नाम’ जैसी योजना पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है तो वही सौसर क्षेत्र का लकड़ी माफिया गिरोह बेखौफ होकर जंगल साफ करने में लगा है और लोकल प्रशासन इनको रोकने में पूरी तरह नाकाम सिद्ध हो रहा है।
पेड़ों की कटाई का मामला लगातार तूल पकड़ रहा है। थाने में एफआईआर से लेकर लकड़ी माफिया की गिरफ्तारी के बाद भी क्षेत्र में हरे भरे पेड़ों की कटाई नही थम रही हैं। ग्रामीणों की शिकायत पर गुरुवार को राजस्व का अमला एलकापार पंचायत के जामलापानी गांव पहुंचा। यहां ग्रामीणों ने 31 ठूंठ गिनाए वहीं पटवारी ने 28 ठूंठों का पंचनामा तैयार किया है। खासियत यह कि यह पेड़ इसी सप्ताह काटे गए हैं। इधर वन विभाग की सीमा के पेड़ों पर भी संकट मंडरा रहा है।
इसके पहले भी 113 पेड़ों का पंचनामा तैयार करने के बावजूद मात्र 17 पेड़ों की कटाई पर कार्यवाही हुई है प्रशासन के इस ढीले रवैए से लकड़ी माफियाओं के हौसले बुलंद हो गए हैं या प्रशासन की मिलीभगत भी कह सकते हैं।
राजस्व विभाग की ओर से संबंधित हल्का पटवारी व कोटवार ने हाल ही काटे गए पेड़ों के ठूंठों की जांच र की। दो अलग-अलग पंचनामा बनाए गए। खसरा नं. 294/1 में रकबा 1.812 में निजी भूमि से छोटे, बड़े = काटे गए पेड़ों के 10 ठूंठों का और खसरा नं. 203 रकबा 1.384 नाला किनारे शासकीय भूमि से काटे गए 18 पेड़ों के ठूंठों का पंचनामा तैयार किया है। भूमि स्वामी ने पेड़ काटने वाले का नाम जांच टीम को बताया। ग्रामीण गजानन कोचे एवं सेवकराम पुसतकर ने बताया कि काटे गए पेड़ों की लट्ठे व लकड़ी फैक्ट्रियों में रखी हैं लेकिन प्रशासन इस पर कार्रवाई करने से हाथ खड़े कर रहा है। पटवारी अनंतराव सरेयाम ने बताया 28 पेड़ों की कटाई इसी सप्ताह हुई है, ग्रामीणों ने पुराने ठूंठ भी गिने हैं।
इनका कहना है
एलकापार, जामलापानी क्षेत्र के ग्रामीणों की शिकायत मिलने के बाद आज पटवारी व कोटवार को मौके पर जांच के लिए भेजा गया था। मौके पर पेड़ काटे जाना पाया गया है और यह कटाई हाल ही में की गई है।
-धनराज पवार
आरआई, राजस्व विभाग