आम सभा, इंदौर : जीवन के सभी सुख-दुख साथ बांटने का वादा लिये एक जोड़े ने हार्ट की बायपास सर्जरी जैसा उपचार भी एक ही दिन, एक ही अस्पताल में और एक ही सर्जन से कराया। जयपुर के नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल में हुए इस अनोखे मामले में मध्यप्रदेश निवासी जोड़े के हृदय संबंधित समस्या का उपचार करने के लिए बायपास सर्जरी की गई। डॉक्टर्स ने दावा किया है कि पति-पत्नि की एक साथ और एक ही सर्जन द्वारा बाईपास सर्जरी कराने का यह अनूठा मामला देश के पहले कुछ रिपोर्टेड केसों में से एक है!
हार्ट में थे मल्टीपल ब्लॉकेज
नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल के सीनियर कार्डियक सर्जन डॉ. अंकित माथुर ने बताया कि मध्यप्रदेश के रहने वाले 65 वर्षीय गोपाल दास केशरवानी और उनकी पत्नी माधुरी को पहले से ही हृदय संबंधित समस्याएं थी और उनकी पूर्व में एंजियोप्लास्टी हो चुकी थी। कुछ वर्ष बाद जब उन्हें फिर से सांस फूलने जैसी समस्याएं होने लगी तो उन्होंने नागपुर में इसकी जांच कराई। जांच में सामने आया कि दोनों को हार्ट में मल्टीपल ब्लॉकेज थे, जिसे सुधारने के लिए बायपास सर्जरी कराने की सलाह दी गई। सर्जरी के संबंध में एक एक्सपर्ट दूसरी सलाह लेने के लिए वें जयपुर के नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल में आयें।
पति-पत्नी के मल्टीपल हार्ट ब्लॉकेजेज थे, जिसके लिए बाईपास सर्जरी ही एकमात्र विकल्प था। उनकी सर्जरी में कुछ जोखिम था क्योंकि दोनों का हृदय से संबंधित इलाज पहले से चल रहा था और उन्हें खून पतला करने की दवा दी जा रही थी। सर्जरी सफलतापूर्वक की गई और सर्जरी के उपरांत दंपत्ति को सुपर स्पेशियलिटी वार्ड में एक दूसरे के आमने-सामने वाले बेड पर ही रखा गया। सात दिन बाद उनको डिस्चार्ज कर दिया गया।
डॉ. अंकित माथुर ने कहा कि मैंने पहले भी पति-पत्नी की बायपास सर्जरी की है लेकिन मेरे 20 साल के करियर में पहली बार किसी दंपत्ति की एक ही दिन में एक साथ सर्जरी की है। हमारी विशेषज्ञता पर दंपत्ति और उसके परिवार का ऐसा विश्वास हमारे लिए गर्व की बात है।
हॉस्पिटल की जोनल क्लिनिकल डायरेक्टर डॉ. माला ऐरन ने बताया कि जिन मरीजों को अधिक जोखिम वाले कारक होते हैं, उनकी जटिलताओं को एक विशेषज्ञ सेंटर में कुशलता से संभाल लिया जाता है जहां एक अनुभवी सर्जिकल और सहायक टीम मौजूद होती है। हमारी कार्डियक टीम सिर्फ राजस्थान ही नहीं उत्तर भारत के अनेक पेशेंट्स का सफलतापूर्वक इलाज कर चुकी है। हमारे यहां किफायती और अत्याधुनिक तकनीकों से उन्नत इलाज होता है।
ऐसा ही एक और मामला नारायणा हॉस्पिटल में ही देखा गया जहां डॉ. हेमेन्द्र अग्रवाल के नेतृत्व में ऑर्थोपेडिक्स टीम ने एक दंपत्ति की जोड़-प्रत्यारोपण सर्जरी की थी। इस अनोखे मामले को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया था।