ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों में मिलान की मांग करने वालों के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से एक बार फिर बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों की 100 फीसदी मिलान करने वाली याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि मुख्य न्यायाधीश की बेंच पहले ही इस पर फैसला कर चुकी है.
चेन्नई की एक एनजीओ (Tech4all) की ओर से दाखिल जनहित याचिका में ईवीएम और वीवीपैट (EVM-VVPAT) की पर्चियों की 100% मिलान करने का आदेश देने का अनुरोध किया गया था, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश की बेंच पहले ही इस पर फैसला कर चुकी है. अगर हम ऐसा करेंगे तो देश का लोकतंत्र पर असर पड़ेगा. यह याचिका बेवकूफी भरी है. याचिका में मीडिया में ईवीएम मशीनों के साथ छेड़छाड़ और बदले जाने की कई खबरों का हवाला भी दिया गया था.
साथ ही यह भी कहा गया था कि ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों में मिलान से रिजल्ट में लोगों को विश्वास बढ़ेगा और मतगणना के दौरान इसकी संख्या बढ़ाकर 100 फीसदी कर दिया जाए.
21 दलों की याचिका खारिज
इससे पहले 7 मई को 21 विपक्षी दलों को सुप्रीम कोर्ट की ओर से तगड़ा झटका लगा जब ईवीएम और वीवीपैट की 50 फीसदी पर्चियों के मिलान की मांग सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया. इस याचिका को टीडीपी और कांग्रेस सहित 21 विपक्षी दलों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी. इन 21 विपक्षी दलों की मांग थी कि 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों की ईवीएम से मिलान का आदेश चुनाव आयोग को दिया जाए. सुनवाई के दौरान तब चंद्रबाबू नायडू, डी. राजा, संजय सिंह और फारूक अब्दुल्ला अदालत में मौजूद रहे.
तब याचिका को खारिज करते हुए मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि अदालत इस मामले को बार-बार क्यों सुने. वह इस मामले में दखलअंदाजी नहीं करना चाहते हैं.
अब 20,625 मशीनों की होगी जांच
पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम 5 बूथ के ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों के औचक मिलान करने का आदेश दिया था जिसे चुनाव आयोग ने मान भी लिया था. आयोग ने इस लोकसभा चुनाव में ईवीएम और वीवीपैट के मिलान को पांच गुना बढ़ाया. कोर्ट ने कहा कि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में 5 वीवीपैट का ईवीएम से मिलान किया जाएगा. अभी सिर्फ एक का वीवीपैट मिलान होता है.
अभी तक चुनाव आयोग 4125 ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों का मिलान कराता है लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बढ़कर 20,625 ईवीएम और वीवीपैट का मिलान करना होगा. वर्तमान में वीवीपैट पेपर स्लिप मिलान के लिए प्रति विधानसभा क्षेत्र में केवल एक ईवीएम लिया जाता है. एक ईवीएम प्रति विधानसभा क्षेत्र के 4,125 ईवीएम के वीवीपैट पेपर्स से मिलान कराया जाता है.
देश की शीर्ष अदालत के उस आदेश के बाद चुनाव आयोग को 20,625 ईवीएम की वीवीपैट पर्चियां गिननी हैं, यानी प्रति विधानसभा क्षेत्र में पांच ईवीएम की जांच होगी. जबकि 21 विपक्षी दलों के नेताओं ने लगभग 6.75 लाख ईवीएम की वीवीपीएटी पेपर स्लिप के मिलान की मांग की थी.