सुल्तानपुर। लोकसभा चुनाव में उतरे सूरमाओं की नैया स्टार प्रचारकों के भरोसे है। मतदान नजदीक आते ही मैदान उतरे प्रमुख दलों के प्रत्याशियों ने पार्टी से स्टार प्रचारकों की मांग शुरू कर दी है। फिलहाल अभी तक किसी प्रत्याशी को बड़े नेताओं के कार्यक्रमों की स्वीकृति नहीं मिल सकी है। पार्टी के लोग पांचवें चरण का चुनाव समाप्त होने के बाद कार्यक्रमों के मिलने की उम्मीद जता रहे हैं।
सत्तासीन पार्टी की प्रत्याशी व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी लोकसभा सीट से मैदान में हैं। करीब एक माह से वे लगातार नुक्कड़ सभाएं एवं जनसंपर्क कर रही हैं.इसके बाद भी चुनावी माहौल अपने पक्ष में करने के लिए उन्होंने पार्टी के स्टार प्रचारकों की मांग की है। पार्टी के महामंत्री शशिकांत पांडेय बताते हैं कि जिले में प्रचार के लिए प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मांग की गई है.
लोकसभा चुनाव में दूसरी बार स्वयं तकदीर आजमा रहे राज्यसभा सदस्य डॉ। संजय सिंह भी चुनावी समर फतह करने के लिए कई नेताओं के कार्यक्रम की मांग कर चुके हैं.उनका कार्य देख रहे डॉ। दीपक सिंह बताते हैं कि पार्टी की ओर से पार्टी की ओर से अभी तक केवल इमरान प्रतापगढ़ी का कार्यक्रम मिला है। बताया कि प्रत्याशी की ओर से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी के कार्यक्रम की मांग की गई है.
बसपा-सपा व रालोद गठबंधन प्रत्याशी चंद्रभद्र सिंह सोनू को भी पार्टी के स्टार प्रचारकों पर भरोसा है। चुनाव नजदीक देख गठबंधन प्रत्याशी ने भी पार्टी के स्टार प्रचारकों की मांग की है.उनका कार्य देख रहे सर्वेंद्रवीर विक्रम सिंह बताते हैं कि प्रत्याशी की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री व बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, पूर्व मंत्री आजम खां, पूर्व मंत्री लालजी वर्मा का कार्यक्रम मांगा गया है.
पूर्व में बिना स्टार प्रचारक के ही जी त चुके हैं संजय सिंह और वरुण गांधी.वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के राष्ट्रीय नेता वरुण गांधी अपनी तकदीर आजमाए थे.निर्वाचन में वे बिना किसी स्टार प्रचारक को बुलाए ही चुनाव जीत गए थे। चुनाव के अंतिम समय में उनकी मां मेनका गांधी एक दिन प्रचार में आई थीं। वहीं, 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के डॉ। संजय सिंह ने न किसी का कार्यक्रम मांगा था और न ही कोई आया था। इसके बावजूद वे चुनाव जीत गए थे।