Sunday , October 13 2024
ताज़ा खबर
होम / देश / सरकार बना रही ऐसी योजना, अब सरेंडर कर सकेंगे अपना Aadhar

सरकार बना रही ऐसी योजना, अब सरेंडर कर सकेंगे अपना Aadhar

आधार कार्ड धारकों को जल्द ही अपना आधार नंबर सरेंडर करने की आजादी मिल सकती है। केंद्र सरकार आधार एक्ट में संशोधन की तैयारी कर रही है। इस बाबत एक प्रस्ताव को अंतिम रूप देने की कवायद अपने अंतिम चरण में है। इस संशोधन के बाद सभी नागरिकों को बायोमेट्रिक्स और डाटा समेत अपना आधार नंबर वापस लेने का विकल्प दिया जा सकेगा।

मीडिया में आई खबरों की मानें तो सरकार आधार एक्ट में संशोधन की तैयारी कर रही है। इसके बाद आधार धारक अपना बायोमेट्रिक्स समेत अन्य डाटा वापस लेने के साथ ही आधार सरेंडर कर सकेंगे।

यूजर्स का पूरा डेटा और बायोमेट्रिक्स तब लिया जाता है जब कोई व्यक्ति आधार के लिए खुद को एनरोल करवाता है। मगर ताजा संशोधन के बाद आधार कार्ड से अपना नाम हटवाने के बाद यूजर्स का डाटा भी हमेशा के लिए डिलीट कर दिया जाएगा। ऐसा सितंबर में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद किया जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कुछ शर्तों के साथ आधार कार्ड की अनिवार्यता खत्म कर दी थी। हालांकि कुछ चीजों के साथ आधार की वैधता को बरकरार रखा गया। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने आधार एक्ट के सेक्शन 57 को रद्द कर दिया था, जो प्राइवेट कंपनियों को वेरिफिकेशन के नाम पर आधार नंबर देने को बाध्य करता है। बेंच ने यह भी माना था कि बैंक खातों और सिम कार्ड से आधार नंबर जोड़े जाने की बाध्यता असंवैधानिक है।

प्रारंभिक प्रस्ताव भारत की विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा तैयार किया गया था। इसमें कहा गया कि एक बार जब बच्चा 18 वर्ष का हो जाता है, तो उसे यह तय करने के लिए 6 महीने दिए जाएंगे कि वह आधार नंबर वापस लेना चाहता है या नहीं। यह प्रस्ताव कानून मंत्रालय को भेजा गया था। मंत्रालय ने इसे आगे सिफारिश की है कि सभी नागरिकों को आधार नंबर वापस लेने का विकल्प उपलब्ध कराया जाए और यह किसी विशेष समूह तक ही सीमित न हो।

हालांकि यह प्रस्ताव जो अब मंत्रिमंडल को भेजा जाएगा, केवल उन लोगों को लाभ पहुंचाएगा जिनके पास पैन कार्ड नहीं है क्योंकि अदालत ने आधार के साथ पैन के संबंध को बरकरार रखा है. बता दें कि 12 मार्च, 2018 तक 37.50 करोड़ से अधिक पैन जारी किए गए हैं. इनमें से लोगों को जारी किए गए पैन कार्ड की संख्या 36.54 करोड़ से अधिक है, जिनमें से 16.84 करोड़ पैन आधार से जुड़े हुए हैं.

कोर्ट के आदेश के मुताबिक, प्रस्ताव यह तय करने के लिए एक निर्वाचन अधिकारी नियुक्त करना चाहता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में किसी व्यक्ति के आधार से संबंधित डेटा का खुलासा किया जाए या नहीं. कोर्ट ने धारा 33 (2) की बात करते हुए कहा था कि संयुक्त सचिव से नीचे एक अधिकारी के आदेश पर राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों के लिए आधार जानकारी का खुलासा करने की अनुमति दी थी. कोर्ट ने कहा था कि संयुक्त सचिव के ऊपर एक अधिकारी को न्यायिक अधिकारी से परामर्श लेना चाहिए और इस बारे में कदम उठाना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Enable Google Transliteration.(To type in English, press Ctrl+g)