जबलपुर
प्रदेश के सबसे लंबे फ्लाईओवर की लैंडिंग व व्यवस्थाओं के संबंध में दायर जनहित याचिका पर सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। मदन महल से दमोह नाका के बीच बने फ्लाईओवर पर चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच को सरकार की ओर से आश्वासन दिया। कहा-फ्लाईओवर के ऊपर, एंट्री-एक्जिट पॉइंट्स पर संकेतक लगाए जाएंगे। व्यवस्था बनाने पर्याप्त बल भी तैनात किया जाएगा।
व्यू कटर लगाने पर विचार होगा
अतिरिक्त महाधिवक्ता एचएस रूपराह ने कहा, फ्लाईओवर पर शोर का प्रभाव आसपास के लोगों पर न हो, इसलिए व्यू कटर लगाने की संभावनाओं पर विचार होगा। कोर्ट ने आश्वासन को रिकॉर्ड पर लिया। त्योहार में भीड़ को देखते हुए जल्द कार्रवाई के निर्देश के साथ कोर्ट ने याचिका निराकृत कर दी।
एमपीके वरिष्ठ अधिवक्ता आदित्य संघी ने खबरों की कटिंग्स कोर्ट (MP High Court) को दिखाई। फ्लाईओवर पर बस के गलत साइड से चलने व कार दुर्घटना की खबर थी। तर्क दिया-फ्लाईओवर के दोनों किनारों पर ग्रेटर नोएडा जैसे व्यू कटर लगाए जाएं, ताकि लोग ध्वनि प्रदूषण से बच सकें। लैंडिंग्स के आगे यू टर्न बनाए जाएं।
बता दें कि अधिवक्ता अलका सिंह ने याचिका लगाई थी। अनैतिक गतिविधियों की भी की थी शिकायत। जिसमें कहा गया था यहां लोग वाहन रोकते हैं और ब्रिज के नीचे की ओर आसपास बने घरों में ताक-झांक करते हैं। कहा-लैंडिंग खतरनाक है, व्यू कटर का न होने से ब्रिज के आसपास रहने वालों की निजता का उल्लंघन हो रहा है।