आम सभा, रायपुर : भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 23 और 24 अगस्त 2019 को रायपुर में बहु-स्तरीय परामर्श और विचार कार्यशाला के दूसरे चरण में राज्य स्तरीय बैंकर समिति (एसएलबीसी) का आयोजन किया । इस बैठक में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के राज्य स्तरीय नेतृत्व ने भाग लिया तथा सुनियोजित रूप से अर्थव्यवस्था की गति में तेजी लाने तथा $ 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में विचार विमर्श किया गया । इससे पहले 17 और 18 अगस्त 2019 को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा शाखा प्रबंधकों और क्षेत्रीय प्रबंधक के विचार सत्र आयोजित किए गए थे ।
रायपुर में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में दिनेश कुमार खारा, प्रबंध निदेशक ( ग्लोबल बैंकिंग एवं सबसिडरी) , भारतीय स्टेट बैंक, राजेश कुमार, मुख्य महाप्रबंधक, एसबीआई भोपाल वृत्त (मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़), सी आर पोवार, महाप्रबंधक एसबीआई, अमिताभ जैन, भा. प्र. से. (अतिरिक्त मुख्य सचिव – वित्त, छ.ग. शासन) एवं आरबीआई/ नाबार्ड के वरिष्ठ अधिकारीगण तथा छत्तीसगढ शासन के अधिकारी-कर्मचारी औद्योगिक निकायों के प्रतिनिधि एवं सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के राज्य प्रमुख उपस्थित रहे ।
बैठक में प्रतिभागियों को जानकारी देते हुए दिनेश कुमार खारा ने कहा कि इस बैठक का प्राथमिक उद्देश्य छत्तीसगढ़ राज्य में अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में ऋण की प्रगति तथा एमएसएमई, एसएमई एवं कृषि क्षेत्र आदि की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं के प्रति अधिक संवेदनशील और उत्तरदायी बनाने के साथ- साथ बैंकिंग को नागरिक केंद्रित बनाने हेतु प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ाने के तरीकों को अंतिम रूप देना है।
दिनेश कुमार खारा ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने सामूहिक रूप से कई कार्यान्वयन योग्य और अभिनव सुझावों की पहचान की है जो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रदर्शन को बेहतर बनाने और भविष्य की कार्य योजना को स्थापित करने में मदद कर सकते हैं। परामर्श प्रक्रिया के दौरान सामने आए सुझावों में से कुछ एमएसएमई / मुद्रा / स्टैंड अप इंडिया की पैठ को बढ़ाने, वित्तीय समावेशन की गति को तेज करने तथा कृषि क्षेत्र में वृद्धि और अन्य विषयों के बीच डिजिटल कार्य को बढावा देने के संबंध में थे |
दिनेश कुमार खारा ने यह भी कहा कि विचार मंथन में जो विचार आए हैं, उन्हें समेकित किया जा रहा है और परामर्श के बाद राष्ट्रीय स्तर पर सभी बैंक के प्रमुखों के बीच विचार-मंथन में इन्हे प्रस्तुत किया जाएगा ।