मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल फिलहाल विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के पक्ष में नहीं हैं. एग्जिट पोल के नतीजे सामने आने के बाद गोपाल भार्गव ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर विधानसभा का सत्र बुलाने की मांग की थी, लेकिन बताया जा रहा है कि राज्यपाल ने स्पष्ट कर दिया है कि अभी ऐसी कोई ज़रूरत नहीं है.
सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि राज्यपाल आनंदी बेन पटेल विधासभा का सत्र बुलाने के पक्ष में नहीं हैं. उन्होंने कहा है कि अभी सत्र बुलाने की कोई ज़रूरत नहीं है. राजभवन ने नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव की मांग खारिज कर दी है. इसलिए अब तय समय पर ही विधानसभा का सत्र होगा. जुलाई के पहले हफ्ते में विधानसभा का सत्र होने का अनुमान है. बताया जा रहा है कि राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की गोपाल भार्गव से चर्चा हुई है. इसमें राज्यपाल ने बीजेपी नेता के समक्ष सत्र न बुलाने की बात स्पष्ट कर दी है.
गोपाल भार्गव ने लिखी थी चिट्ठी
एग्जिट पोल के नतीजों के बाद बीजेपी ने मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार के अल्पमत में होने का आरोप लगाना शुरू कर दिया है. नजीते आते ही नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर सत्र बुलाने की मांग की थी. बाद में मीडिया से उन्होंने कहा था, ‘एग्जिट पोल के अनुसार एक बार फिर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं. मध्य प्रदेश में कांग्रेस को दो से तीन सीटें मिलने वाली हैं. यह इस बात का संकेत है कि मध्य प्रदेश में वर्तमान सरकार (कमलनाथ सरकार) ने जनता का भरोसा खो दिया है.’
बीजेपी नेता गोपाल भार्गव ने कहा था, ‘कांग्रेस के कई विधायक कमलनाथ सरकार से परेशान हो चुके हैं और बीजेपी के साथ आना चाहते हैं. सरकार बनाने के लिए बीजेपी खरीद-फरोख्त नहीं करेगी, लेकिन कांग्रेस के ही विधायक अब उनकी सरकार के साथ नहीं हैं. इसलिए उनकी मांग है कि राज्य विधानसभा का सत्र बुलाया जाए.’
नेता प्रतिपक्ष ने कहा था कि सरकार को इस सत्र में अपना बहुमत साबित करना होगा, क्योंकि जनता उन्हें अब पूरी तरह से नकार रही है. ये सरकार अपने ही बोझ से गिर जाएगी.