Sunday , June 29 2025
ताज़ा खबर
होम / राज्य / मध्य प्रदेश / जनजातीय गौरव दिवस पर विशेष : जनजातीय विद्यार्थियों को सुलभ और उच्च शिक्षा के बेहतर अवसर

जनजातीय गौरव दिवस पर विशेष : जनजातीय विद्यार्थियों को सुलभ और उच्च शिक्षा के बेहतर अवसर

भोपाल : प्रदेश में अनुसूचित जनजातियों की बड़ी आबादी निवास करती है। जनजातीय समाज के समग्र विकास के लिए केन्द्र और राज्य सरकार सदैव कटिबद्ध रही है। राज्य सरकार ने सर्वांगीण विकास की राह प्रशस्त करने के लिए इस वर्ग के शैक्षणिक विकास पर विशेष ध्यान दिया है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि व्यक्ति और समाज के सामाजिक और आर्थिक सुदृढ़ीकरण के लिए अच्छी शिक्षा बहुत आवश्यक है। उन्होंने हमेशा माना है कि हमारे जनजातीय समुदाय में प्रतिभा की कमी नहीं है। राज्य सरकार का प्रयास रहा है कि एक भी विद्यार्थी को शिक्षा प्राप्त करने में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं हो। हर छात्र के लिए शिक्षा सुलभ हो। प्रतिभाओं को आगे बढ़कर उज्जवल भविष्य के निर्माण के लिए अच्छा वातावरण मिले। इसी भाव से राज्य सरकार ने अनुसूचित जनजातियों के शैक्षणिक विकास के लिए अनेक योजनाओं और कार्यक्रम का सफल क्रियान्वयन किया है।

जनजातीय विद्यार्थियों के लिए सर्व-सुलभ शिक्षा

राज्य सरकार की नीति और दृढ़ इच्छा-शक्ति के सुपरिणाम भी सामने आने लगे हैं। अनुसूचित जनजाति वर्ग में अनेक प्रतिभाओं ने आगे बढ़कर प्रदेश का नाम रोशन किया है। शिक्षा की सार्वभौमिकता ने सम्पूर्ण अनुसूचित जनजाति समाज को राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में उन्नति के बेहतर अवसर उपलब्ध कराए हैं। अनुसूचित जनजातीय समाज के लिए जहाँ एक ओर ग्रामीण क्षेत्रों और शहरों में आसानी से शिक्षा प्राप्त करने के अवसर बढ़े हैं, वहीं प्रतिभावान विद्यार्थी राज्य सरकार की योजना का लाभ लेकर विदेशों में भी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

बजट के साथ शिक्षण संस्थाओं में आशातीत वृद्धि

प्रदेश में जनजातीय कार्य विभाग का बजट वर्ष 2003-04 में लगभग 746 करोड़ रूपए था, जो अब बढ़कर 8 हजार करोड़ रूपए से भी अधिक हो गया है। विगत 17 वर्षों में प्रदेश में जनजातीय क्षेत्रों में प्राथमिक शालाओं की संख्या में 81 प्रतिशत, माध्यमिक शालाओं की संख्या में 55 प्रतिशत, हाईस्कूल की संख्या में 112 प्रतिशत, हायर सेकण्ड्री स्कूल की संख्या में 81 प्रतिशत और कन्या शिक्षा परिसरों की संख्या में 2633 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

छात्रावासों और आश्रमों में रहने वाले जनजातीय विद्यार्थियों की शिष्यवृत्ति की दरें राज्य सरकार ने बढ़ाई हैं। ये दरें बालकों के लिए 1230 रुपये से बढ़ाकर 1300 रुपये प्रतिमाह और बालिकाओं के लिये 1270 रुपये से बढ़ाकर 1340 रुपये प्रतिमाह की गई है।

प्राथमिक कक्षाओं में अध्ययन करने वाली जनजातीय वर्ग की बालिकाओं की छात्रवृत्ति 15 रुपये प्रति विद्यार्थी प्रतिमाह से बढ़ाकर 25 रुपये की गई है। कक्षा 6वीं की बालिकाओं की छात्रवृत्ति 50 रुपये प्रति विद्यार्थी प्रतिमाह से बढ़ाकर 60 रुपये की गई है।

प्रदेश के 9 लाख 98 हजार विद्यार्थियों को 153 करोड़ रुपये से अधिक की प्री-मेट्रिक छात्रवृत्ति और 2 लाख 48 हजार विद्यार्थियों को 381 करोड़ रुपये से अधिक की पोस्ट-मेट्रिक छात्रवृत्ति प्रदान की गई है।

जनजातीय विकासखण्डों में पायलेट प्रोजेक्ट

कक्षा 9वीं से 12वीं की शिक्षा अधिक से अधिक विद्यार्थियों को मिले, इस उद्देश्य से प्रदेश के 5 जनजातीय विकासखण्डों में घर से स्कूल तक विद्यार्थियों को शाला लाने-ले जाने का पायलट प्रोजेक्ट आगामी-सत्र से प्रारंभ किया जा रहा है।

जनजातीय विद्यार्थियों, जिन्हें छात्रावास में आवासीय सुविधा नहीं मिल पाती है, उन्हें संभागीय मुख्यालयों पर किराये के आवास में रहने के लिए सहायता दी जाती है। आवास सहायता योजना में पिछले 18 माह में एक लाख 26 हजार से अधिक विद्यार्थियों को 207 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता दी गई है।

आकांक्षा योजना में 721 विद्यार्थियों को कोचिंग सुविधा प्रदान की गई, जिसमें 3 करोड़ रुपये से अधिक व्यय किया गया है। इस योजना से जेईई मेन्स, जेईई एडवांस, नीट, क्लेट आदि प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रदेश के 346 जनजातीय विद्यार्थी चयनित हुए हैं। इस वर्ष 724 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। प्रदेश की विशेष पिछड़ी जनजाति- बैगा का एक छात्र आईआईटी में और एक छात्र एमबीबीएस में अध्ययनरत है। इसी प्रकार एकलव्य आवासीय विद्यालयों के 36 विद्यार्थी जेईई मेन्स में चयनित हुए हैं।

प्रतिभा योजना में विगत 18 माह में 170 से अधिक विद्यार्थियों को उच्च शैक्षणिक संस्था में प्रवेश के लिए 58 लाख रुपये से अधिक की प्रतिभा प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई है। विदेश अध्ययन योजना में जनजातियों के प्रतिभावान विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए नियमित रूप से विदेश अध्ययन के लिये सहायता दी जा रही है। विगत 18 माह में इस योजना में चयनित 9 विद्यार्थी विदेश अध्ययन के लिए प्रस्थान कर चुके हैं, जिसमें दो छात्राएँ भी शामिल हैं।

मध्यप्रदेश स्पेशल एण्ड रेजिडेंशियल एकेडमिक सोसायटी का गठन कर लगभग 44 हजार जनजातीय विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है।

मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना में विगत चार वर्षों में करीब साढ़े 5 हजार से अधिक जनजातीय छात्र/छात्राओं को इंजीनियरिंग, मेडिकल, मैनेजमेंट आदि विषयों से जुड़े देश के प्रतिष्ठित कॉलेजों में प्रवेश मिला है। राज्य सरकार द्वारा इन विद्यार्थियों की फीस प्रतिपूर्ति पर लगभग 13 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं। विगत 18 माह में सिविल सेवा परीक्षाओं में उत्तीर्ण होने वाले 430 से अधिक जनजातीय विद्यार्थियों को 95 लाख रुपये से अधिक की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई है।

सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए निजी कोचिंग संस्थाओं की कोचिंग शुल्क की प्रतिपूर्ति भी राज्य सरकार द्वारा की जाती है। इसके अलावा विद्यार्थियों को अन्य सभी प्रकार के व्ययों के लिये 12 हजार 500 रुपये प्रतिमाह की राशि भी दी जाती है।

प्रदेश में संचालित 154 विशिष्ट आवासीय विद्यालयों में इस शिक्षा-सत्र में जनजातीय दिव्यांग और ट्रांसजेण्डर विद्यार्थियों को भी प्रवेश का अवसर प्रदान किया गया है।

अधोसंरचना विकास

जनजातीय छात्रावास, आश्रम और शाला भवनों के निर्माण के लिए गत डेढ़ वर्ष में 387 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। पिछले वित्त वर्ष में अनुसूचित जनजाति बहुल क्षेत्रों में 15 नवीन महाविद्यालय और छात्रावासों की स्वीकृति प्रदान की गई है और 8 जिलों के 370 विद्यालयों में 22 करोड़ रुपये से अधिक लागत की स्मार्ट क्लॉसेस स्वीकृत की गई है।

जनजातीय बालिकाओं की समग्र शिक्षा

अनुसूचित जनजाति की बालिकाओं की समग्र शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए 82 कन्या शिक्षा परिसरों की स्वीकृति प्रदान की गई है। रुपये 390 करोड़ की लागत से 27 नये एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों का निर्माण किया जा रहा है। विशेष पिछड़ी जनजाति के विद्यार्थियों के लिए 4 विशेष आवासीय विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं।

जनजाति बहुल जिले धार, बैतूल एवं बड़वानी में नये फूड क्रॉफ्ट इंस्टीट्यूट की स्थापना भारत सरकार के सहयोग से की जा रही है। प्रदेश के 33 आवासीय विद्यालय में सुसज्जित कम्प्यूटर लैब तैयार किए गए हैं, जिनमें विद्यार्थियों को सूचना प्रौद्योगिकी का ज्ञान प्राप्त हो रहा है। विशेष पिछड़ी जनजाति बहुल 15 जिलों की 38 आश्रम-शाला में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्री-प्रायमरी कक्षाओं का संचालन प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है।

प्रदेश में 713 करोड़ रुपये से अधिक की लागत के नये 214 सीनियर कन्या एवं बालक छात्रावास एवं 409 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 189 नये हायर सेकेण्डरी स्कूल के निर्माण की स्वीकृति दी गई है। विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए 250 सीटर 3 संयुक्त छात्रावास भवन, 50 सामुदायिक भवन और 5 कौशल विकास केन्द्रों का निर्माण और 152 करोड़ के व्यय से 8 नए क्रीड़ा परिसर बनाये जा रहे हैं।

नये मेडिकल कॉलेज अनुसूचित जनजाति बहुल जिले श्योपुर और मण्डला में भारत सरकार के सहयोग से नये मेडिकल कॉलेज स्वीकृत हुए हैं।

(लेखक : संयुक्त संचालक जनसम्पर्क है।)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Enable Google Transliteration.(To type in English, press Ctrl+g)

jabartoto slot pulsa Slot Dana mancing138 mancing138 mancing138 anoboytoto slot gacor toto slot slot gacor situs toto Slot Gacor Slot Resmi Slot88 slot gacor slot gacor Situs toto Jogjatoto jogjatoto Slot88 Resmi https://dpupkp.slemankab.go.id/ Slot Gacor 2025 slot gacor slot gacor Slot 2025 slot dana slot gacor Slot Gacor Malam Ini Slot Gacor 2025 slot gacor slot dana https://pariwisata.sultraprov.go.id/ Slot777 slot thailand slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor info kabar slot gacor slot gacor slot gacor Slot Gacor Slot Gacor https://edu.pubmedia.id/ https://stikesrshusada.ac.id/ https://ijsl.pubmedia.id/ Situs Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor info kabar Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor slot gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://dakukeren.balangankab.go.id/ slot gacor slot gacor slot gacor https://elearning.unka.ac.id/ https://jurnal.unka.ac.id/bo/ https://jurnal.unka.ac.id/rep/ slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot mahjong slot gacor pohon169 pohon169 slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://jurnal.unka.ac.id/ https://unisbajambi.ac.id/ https://sia.unisbajambi.ac.id/ https://sipp.pn-garut.go.id/ https://fatecjahu.edu.br/ https://poltekkesbengkulu.ac.id/ https://journal.unublitar.ac.id/ https://poltekkes-pontianak.ac.id/ https://conference.upgris.ac.id/ https://kabar.tulungagung.go.id/wop/ Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor Hari Ini slot gacor slot gacor slot gacor Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025
  • toto hk
  • togel hongkong
  • toto hk
  • pg77
  • situs pg77
  • pg77 login