देशभर में इस बात की चर्चा है कि केंद्र सरकार संविधान के अनुच्छेद 35A को खत्म करने पर विचार कर रही है. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इसे लेकर केंद्र सरकार को चेतावनी दी है.
अनुच्छेद 35A को खत्म करने पर पीडीपी नेता ने सोमवार को कहा, “आग से मत खेलो, 35A से छेड़छाड़ मत कीजिए. अगर ऐसा हुआ तो वह होगा जो 1947 से आज तक नहीं हुआ है. मुझे नहीं पता कि जम्मू-कश्मीर के लोग मजबूर होकर तिरंगे की जगह कौन सा झंडा उठा लेंगे.”
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद 35A की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है. जिसका जम्मू कश्मीर की दोनों क्षेत्रीय पार्टियां पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस विरोध कर रही हैं.
क्या है आर्टिकल 35A?
35A भारतीय संविधान का वह अनुच्छेद है जिसमें जम्मू-कश्मीर विधानसभा को लेकर विशेष प्रावधान है. यह अनुच्छेद राज्य को यह तय करने की शक्ति देता है कि वहां का स्थाई नागरिक कौन है? वैसे 1956 में बने जम्मू-कश्मीर के संविधान में स्थायी नागरिकता को परिभाषित किया गया था. यह अनुच्छेद जम्मू-कश्मीर में ऐसे लोगों को कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने या उसका मालिक बनने से रोकता है, जो वहां के स्थायी नागरिक नहीं हैं.
आर्टिकल 35A जम्मू-कश्मीर के अस्थाई नागरिकों को वहां सरकारी नौकरियों और सरकारी सहायता से भी वंचित करता है. अनुच्छेद 35A के मुताबिक, अगर जम्मू-कश्मीर की कोई लड़की राज्य के बाहर के किसी लड़के से शादी कर लेती है तो पैतृक संपत्ति जुड़े उसके सारे अधिकार खत्म हो जाते हैं. साथ जम्मू-कश्मीर की प्रॉपर्टी से जुड़े उसके बच्चों के अधिकार भी खत्म हो जाते हैं.