आम सभा, भोपाल : मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम (एमपीयूवीएन) द्वारा पिछले साल अपने रेस्को 1 रूफटॉप सोलर टेंडर में पावर ग्रिड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया के लिए 1.58/kWh की स्थापना करने, जो कि उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान की जाने वाली राशि की एक-चौथाई है; तथा राज्य में 291 सरकारी कॉलेजों और 12 सरकारी विश्वविद्यालयों के साथ विद्युत क्रय समझौते पर हस्ताक्षर के बाद आज का दिन कंपनी के सफर में एक और ऐतिहासिक दिन है।
सौर ऊर्जा उत्पादक क्लीनटैक सोलर एनर्जी (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड ने सैंट्रल एकेडमी ऑफ पुलिस ट्रेनिंग (सीएपीटी) में रेस्को मॉडल के तहत् 650 kWp की परियोजना चालू करने के लिए एमपीयूवीएन के साथ आज पीपीए पर हस्ताक्षर किए। एकेडमी भोपाल के नज़दीक स्थित है तथा गृह मंत्रालय, भारत सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्यरत है।
परियोजना चक की अवधि में करीब 13,550 मीट्रिक टन कार्बन डाइ ऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आएगी, जो कि 6698 वृक्ष रोपने या 163 कारों से कार्बन डाइ ऑक्साइड उत्सर्जन घटाने के बराबर है। इस परियोजना से, सीएपीटी को सालाना करीब 43 लाख रु की बचत होगी जबकि संपूर्ण जीवनचक में लगभग 5.84 करोड़ रु की बचत की संभावना है।
राज्य में पूरे जोर-शोर और पूर्ण समर्पण भाव से सौर ऊर्जा कार्यक्रम शुरू करने तथा सरकार द्वारा 1.38/kWh के लक्ष्य को हासिल करने, जो कि राज्य द्वारा रेस्को। कार्यक्रम के तहत् हासिल न्यूनतम शुल्क दर है, के प्रयासों का जश्न मनाने के उद्देश्य से आज मध्य प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की उपस्थिति में सीएपीटी में शिलान्यास समारोह का आयोजन किया गया।
समारोह में, उपेंद्र त्रिपाठी, महानिदेशक, इंटरनेशनल सोलर एलायंस; प्रियव्रत सिंह, माननीय विद्युत एवं नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग (एनआरईडी) मंत्री; हर्ष यादव, प्रधान सचिव, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग (एनआरईडी), मध्य प्रदेश, मनु श्रीवास्तव, (आईएएस), वी के सिंह, महानिदेशक पुलिस; पंकज श्रीवास्तव, निदेशक, सीएपीटी; राजू शुक्ला, अध्यक्ष, क्लीनटैक सोलर तथा सुप्रभा (सस्टेनेबल पार्टनरशिप फॉर रूफटॉप एक्सलरेशन इन भारत) टीए प्रोग्राम से जुड़े अन्य हितधारक भी उपस्थित थे।
शिलान्यास समारोह के बाद क्लीनटैक सोलर और एमपीयूवीएन के बीच सीएपीटी भवन में रूफटॉप सोलर प्रोजेक्ट हेतु पीपीए पर हस्ताक्षर किए गए। अपने संबोधन भाषण में मध्यप्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा, “मैंने पर्यावरण मंत्री के तौर पर 1992 में रियो में पृथ्वी सम्मेलन में भाग लिया था लेकिन उस मंच पर उस वक्त जलवायु परिवर्तन के मसले पर इस तरह से विचार-विमर्श नहीं किया गया था जैसे आज इस पर चर्चा होती है।
गैर-पारंपरिक ऊर्जा पर उस तरह से जोर नहीं दिया गया था जिस प्रकार आज हम उस पर जोर देते हैं। सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा पर बात करना उस वक्त फेशन था। लेकिन तबसे आज तक काफी परिवर्तन हो चुका है और हम सौर ऊर्जा के क्षेत्र में क्रांति की दहलीज़ तक पहुंच चुके हैं। ऊर्जा भंडारण अब नवीकरणीय ऊर्जा को बेहतर तरीके से एकीकृत करने की दिशा में जबर्दस्त पहल होगी।
मैं इस प्रयास को आगे बढ़ाने के लिए यह घोषणा करना चाहता हूं कि मध्य प्रदेश उन देशों को विनोदा भावे अवार्ड से सम्मानित करेगा जो आईएसए के सहयोग से सोलर पंपों के क्षेत्र में उत्कृष्ट उदाहरण पेश करेंगे।” इस अवसर पर श्री उपेंद्र त्रिपाठी, महानिदेशक, इंटरनेशनल सोलर एलायंस ने कहा, “स्वच्छ ऊर्जा के प्रति उत्साही भागीदारी को देखना सुखद है और मैं आज इस समारोह का हिस्सा बनकर गौरवान्वित हैं।
यह शेष भारत के लिए सौर ऊर्जा के पथ पर आगे बढ़ने और इसका भरपूर इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साही कदम है। रोशनी हम सभी को सशक्त करती है और यह किसी तरह का भेदभाव नहीं करती। हम ऐसी अर्थव्यवस्था की बात कर रहे हैं जो सौर ऊर्जा से जुड़ी कहानियों पर केंद्रित है। मध्य प्रदेश सरकार और आईएसए मिलकर काम करेंगे, मैं ऐसे भविष्य को लेकर उत्साहित हूं जिसमें विभिन्न हितधारक और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम एकजुट होकर यहां काम करेंगे। आईएसए के लिए मध्य प्रदेश को सभी आवश्यक समर्थन उपलब्ध कराना हमारे लिए बड़ा अवसर है और इससे राज्य सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका में होगा तथा दूसरों की राह को भी प्रशस्त करेगा।”
उल्लेखनीय है कि पूरे राज्य में रेस्को मॉडल के प्रयोग को बढ़ावा देने के एमपीयूवीएन के प्रयास सराहनीय हैं और इनसे उपभोक्ताओं को कम शुल्क दरों के साथ-साथ पूंजी निवेश करने या इंफ्रास्ट्रक्चर की देखभाल करने जैसे झंझटों से भी मुक्ति मिलती है। देश में सोलर रूफटॉप को अपनाने की दिशा में तेजी लाने के रेस्को मॉडल को मिली सफलता के चलते राज्य लाभान्वितों को सौर ऊर्जा उपलब्ध कराते हुए सशक्त बना रहा है।
और यह शून्य पूंजी निवेश के साथ डिसकॉम की सामान्य दरों से भी काफी कम दरों पर किया जा रहा है। ठेकेदार द्वारा 25 वर्षीय परियोजना अवधि के लिए डिजाइन, सप्लाई तथा इंस्टॉलेशन के अलावा परिचालन एवं रखरखाव की जिम्मेदारी लेने के परिणामस्वरूप, बचत का इस्तेमाल भवन के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए किया जा सकता है। मध्य प्रदेश ने वर्ष 2022 तक 100 Gw सौर ऊर्जा क्षमता हासिल करने संबंधी प्रधानमंत्री द्वारा विश्व । को दिए आश्वासन को पूरा करने की दिशा में अग्रणी जिम्मेदारी ली है। आज का आयोजन, इस क्षेत्र में राज्य की नोडल एजेंसी द्वारा किए जा रहे कड़े परिश्रमों के जश्न के लिए किया गया और साथ ही । यह नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में निरंतर जारी प्रयासों का भी जश्न है।