“आजादी का अमृत महोत्सव ने हम सबको देश की मिट्टी से जोड़ा है”- धीरज श्रीवास्तव
भोपाल। 15 अगस्त 2021 को ‘श्री विभगुंज वेलफेयर सोसायटी’, भोपाल ने ऑनलाइन भारत की आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हुए काव्य ग़ोष्ठी का आयोजन किया। सरस्वती वंदना के उपरांत इस अवसर पर श्री विभगुंज वेलफेयर सोसायटी की संस्थापक/सचिव ने संस्था के कार्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि “संस्था साहित्य, शिक्षा , पर्यावरण के संवर्धन पर कार्य कर रही है।”
ग़ोष्ठी की अध्यक्षता कृष्ण कुमार शर्मा, अकोला (महाराष्ट्र) ने की तो मुख्य अतिथि धीरज श्रीवास्तव, गोंडा (उत्तर प्रदेश) रहे। कृष्ण कुमार शर्मा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि- “संस्था ने मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, असम, महाराष्ट्र के कवियों को एकत्र कर एकता का परिचय दिया।”
वहीं मुख्य अतिथि धीरज श्रीवास्तव ने कहा कि ” संस्था द्वारा आयोजित आजादी का अमृत महोत्सव ने हम सबको देश की मिट्टी से जोड़ा है।” ग़ोष्ठी की शुरुआत दुलियाजान, असम के सुरजीत मान जलईया सिंह ने अब मुझे अर्धांगनी तुम, हर वचन से मुक्त कर दो गीत से की। उसके बाद शताक्षी मनिंद्र भोपाल (म.प्र.) ने वो थका नहीं वो रुका नहीं, आजादी की राह पर वो थमा नहीं, शालिनी खरे ने खट्टे मीठे जज्बातों से, प्यार के एहसासों से तिरंगा फेहराना हैं, समीर श्रीवास्तव ने अंधी दौड़ विकास की, शहर हुये बेहाल अपनापन गुम हो गया, जीना हुआ मुहाल, सुषमा श्रीवास्तव भोपाल (म.प्र.) ने भारत देश महान है. भारत देश महान/ यहां कि संस्कृति हमारी पहचान, दीपक मोहले वर्धा (महाराष्ट्र) ने खुद से जब टकराए हम/ देर तलक घबराए हम, आर. के. श्रीवास्तव पुणे (महाराष्ट्र) ने फरक यह है कि तुम अल्लाह कहते हो और मैं ईश्वर, महेश शुक्ला पुणे (महाराष्ट्र) ने अपनी-अपनी ज़ुबान होती है-बात वो ही बयान होती है एवं कीर्ति श्रीवास्तव ने आओ उन्हें प्रणाम करें, बांधकर कफ़न जो निकले हैं सुनाकर सबको मंत्र मुग्ध किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन कीर्ति श्रीवास्तव एवं आभार प्रदर्शन संस्था के अध्यक्ष समीर श्रीवास्तव ने किया।