Monday , December 23 2024
ताज़ा खबर
होम / राज्य / छत्तीसगढ / पैरासिटामोल के दम पर चल रहा हैं एसईसीएल होस्पिटल

पैरासिटामोल के दम पर चल रहा हैं एसईसीएल होस्पिटल

झगराखाण्ड/एमसीबी
साऊथ झगराखाण्ड कालरी, हसदेव क्षेत्र मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय के सामने एसईसीएल होस्पिटल में दवाई की किल्लत हर वक्त बना रहता है। यहां केवल पैरासिटामोल की गोली दिया जाता हैं। यहाँ दवाई देने के नाम पर बदले में केवल पर्ची पकड़ा कर बाहर से दवाई लेने का सलाह दे दिया जाता है। दवाई नहीं मिलने की स्थिति में मरीज व स्वास्थ्य कर्मियों के बीच प्राय: बकझक होते रहता है। फिलहाल इस एसईसीएल होस्पिटल का भगवान ही मालिक हैं।

विगत कई माह से इमरजेंसी ड्यूटी वा डिस्पेंसरी रविवार एवं पब्लिक हालीडे के दिन बंद रहता हैं, जिससे यहां के मरीजों को काफी परेशानी होता हैं, यहां से कोई भी डिस्पेंसरी लगभग सात-आठ किलोमीटर दूर है जो कि वहां तक मेडिकल सुविधा के लिए हर मरीज को जाना संभव नहीं हो पाता हैं। पहले डिस्पेंसरी हमेशा चालू रहता था लेकिन अब बंद रहने  के कारण मरीजों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता हैं।
होस्पिटल में सफाई की व्यवस्था भी अत्यंत लचर हैं। होस्पिटल प्रबंधन के ओर से सफाई पर ध्यान नहीं दिया जाता है। होस्पिटल प्रबंधक के लापरवाही से कर्मी भी मनमानी ढंग से ड्यूटी करते हैं।

गौरतलब हो कि तीन हजार के करीब आबादी वाले विभिन्न इकाईयों कालरी कर्मचारी परिवार के साथ यहाँ निवासरत है। काफी संख्या में इलाज कराने के लिए मरीज़ यहाँ आते हैं, परन्तु जिम्मेदार बें-परवाह हैं।
इसकी शिकायत भी कुछ जागरुक जनों द्वारा विभिन्न प्रबंधक को किया गया लेकिन मिथ्या साबित हुआ।

बहरहाल साऊथ झगराखाण्ड एसईसीएल होस्पिटल में यहां के मरीजों की सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है और विभागीय अधिकारी व जनप्रतिनिधि मूकदर्शक की भूमिका में हैं। चिकित्सकों की कमी और दवा की किल्लत लंबे समय से बरकरार है। लेकिन समुचित इलाज के अभाव में मरीजों को के अस्पतालों में जाने की मजबूरी है। जहां स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर लूट-खसोट किया जाता है। होस्पिटल में तैनात स्वास्थ्यकर्मी ड्यूटी के नाम पर कागजी खानापूर्ति करते हैं।

यदि कोई गंभीर बीमारी से ग्रसित हो जाए तब उसका इलाज कैसे होगा? इस बात को ध्यान रखते हुए प्रबंधक को चाहिए कि पूर्व की भांति रविवार एवं पब्लिक हालीडे के साथ पूरे सप्ताह डिस्पेंसरी चालू रखना चाहिए ताकि यहां कर्मचारी अपने साथ अपने परिवार का स्वास्थ्य सुविधा ले सके।