आम सभा, भोपाल।
संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चन्द्रशेखर तिवारी ने विक्रमादित्य यूनिवर्सिटी में बदली गई कहावत (जो जीता वही सिकंदर को बदलकर जो जीता वही विक्रमादित्य) करने पर हार्दिक स्वागत किया है चन्द्रशेखर तिवारी ने कहा कि इस प्रकार की कहावतो में से मुगलों की और आताताइयो की बू आती है जिस प्रकार अन्य कहावतें बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना अपने मियां मुंह मिट्ठू जैसी कई कहावतें हैं जिसमें की पूर्ण रूप से उर्दू शब्दों का और मुस्लिम शब्दों का प्रयोग किया गया है उस समय में मुगलों का शासन था और इन लोगों ने यह कहावतें बनाई थी अब देश हिंदू राष्ट्र की ओर अग्रसर है इसलिए इस प्रकार की कहावतें को शीथील करना चाहिए और हमारी संस्कृति और सभ्यताओं के अनुसार ही कहावतें भी होनी चाहिए पृथ्वीराज चौहान या विक्रमादित्य जैसे व्यक्तित्व समाज को दिशा और दशा प्रदान करने वाले थे तो हम उन्हीं का अनुसरण करेंगे ना कि जो जीता वही सिकंदर जैसी है बातों को बोलकर इन लोगों का स्मरण करेंगे।